Marigold Flowers: दशहरा और दिवाली पर गेंदे के फूलों की अच्छी मांग रहती है. इन दोनों त्योहारों पर घर को गेंदे के फूलों से सजाया जाता है। गेंदे के फूल का उपयोग पूजा में किया जाता है। इस वजह से किसान इस त्यौहार की पृष्ठभूमि में गेंदे के फूल लगाते हैं। उससे किसान के घर में त्योहार के लिए चार पैसे आते हैं। लेकिन इस साल दशहरे को गेंदे के फूलों ने परेशान कर दिया है. गेंदे की कीमतों में काफी गिरावट आई है. पुणे, मुंबई, नासिक के बाजारों में गिरावट का असर किसानों पर पड़ा है. नासिक में कीमत महज 10 से 15 रुपये है.
दशहरा उत्सव के मौके पर सोमवार को पुणे शहर में गेंदे के फूल बिक्री के लिए आ गए हैं. पुणे के मार्केट यार्ड फूल बाजार में गेंदे के फूल खरीदने के लिए भारी भीड़ उमड़ रही है। इस बाजार में गेंदा के फूलों के साथ-साथ शेवंती और गुलाब भी आधी रात से बिक्री के लिए उपलब्ध हैं। पुणे जिले के लगभग सभी तालुकाओं से किसान बिक्री के लिए फूल लाए हैं। बाजार में फूलों की आवक बढ़ गयी है. लेकिन फूलों की अच्छी कीमत नहीं मिली. इससे त्योहार के मद्देनजर किसानों के सामने संकट खड़ा हो गया है।
दशहरे के मद्देनजर नासिक के मनमाड बाजार समिति में बिक्री के लिए उपलब्ध गेंदे के फूलों की कीमतें कम हैं। किसानों को 10 से 15 रुपये का सौदा मूल्य मिला है। किसानों को उम्मीद थी कि दशहरा दिवाली गेंदे के फूलों से महकेगी। इसके लिए इस वर्ष बारिश के अभाव में सिर पर पानी ढोकर फूलों की खेती की गयी. लेकिन फूलों की कीमत नहीं मिलने से उत्पादन लागत निकालना मुश्किल हो गया है। फूल बेचकर दशहरा-दिवाली का त्योहार मधुर बनाने का बलिराजा का सपना टूट गया है। मनमाड बाजार समिति में करीब डेढ़ सौ गाड़ियां प्रवेश कर चुकी थीं.
दशहरा के मौके पर गेंदे के फूलों की अच्छी मांग रहती है. मुंबई के दादर बाजार में फूल खरीदने के लिए ग्राहकों की भीड़ उमड़ पड़ी। लेकिन बाजार में फूलों की मांग अधिक है. इसके बाद भी विक्रेताओं का कहना था कि फूलों की कीमत कम मिल रही है. रविवार को गेंदा के फूल 50 से 60 रुपये प्रति किलो बिके. लेकिन सोमवार को इसमें गिरावट आई है. अब फूल 20 से 30 रुपये तक बिक रहे हैं. इससे किसानों और विक्रेताओं को नुकसान हो रहा है.
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