Modi government’s WhatsApp campaign: व्हाट्सएप पर ‘विकासित भारत’ नाम के विज्ञापन के जरिए लोगों को मोदी की गारंटी और उनके द्वारा किए गए काम के बारे में बताया जा रहा है। फिलहाल आचार संहिता लागू हो चुकी है, फिर भी चुनाव आयोग को व्हाट्सएप पर सरकारी विज्ञापनों को लेकर कई शिकायतें मिलीं. इसलिए आयोग ने व्हाट्सएप के जरिए इन विज्ञापनों को भेजने पर रोक लगाने का आदेश दिया है।
चुनाव आयोग ने गुरुवार को कहा कि आयोग ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को व्हाट्सएप पर जनता को भेजे जा रहे भारत के विकास संबंधी संदेशों को तुरंत रोकने का निर्देश दिया है। साथ ही आयोग ने इस मामले में आईटी मंत्रालय से अनुपालन रिपोर्ट भी मांगी है.(Modi government’s WhatsApp campaign)
कई कांग्रेस नेताओं ने भी इस मुद्दे को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सवाल उठाया भी गया था।
ये भी कहा जा रहा है की लगता है कि लयहइलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय से है। क्या यह आदर्श आचार संहिता और निजता के अधिकार दोनों का खुला उल्लंघन नहीं है? और सबसे अहम बात उन्हें हमारे नंबर कहा से मिले ? ऐसी कई सवाल की खोज में है।
चुनाव आयोग के आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए आईटी मंत्रालय ने कहा, ”इन विज्ञापनों से संबंधित पत्र और संदेश आचार संहिता लागू होने से पहले भेजे गए थे. लेकिन ये संदेश देर से प्राप्त हुए होंगे क्योंकि लोगों के मोबाइल फोन में नेटवर्क की उचित पहुंच नहीं होगी।
इस बीच आयोग ने कहा कि हमें इस संबंध में कई शिकायतें मिली हैं. इसमें उन्होंने कहा, ”इस समय पूरे देश में आदर्श आचार संहिता लागू होने के बावजूद लोगों के फोन पर सरकारी विज्ञापन भेजे जा रहे हैं।
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