6 फरवरी से महाराष्ट्र के 78 कॉलेजों के प्राध्यापकों और कर्मचारियों, महाराष्ट्र स्टेट एक्शन कमेटी के अध्यक्ष, प्राचार्य डॉ. बी। डी। मुंडे के नेतृत्व में आजाद मैदान मुंबई में अनिश्चितकालीन धरना आंदोलन शुरू किया गया।
इससे पहले सरकार ने स्थायी सब्सिडी नहीं यानी 24 नवंबर की नीति अपनाई थी। हमारे कॉलेज 2001 से पहले मान्यता प्राप्त हैं। लेकिन सरकार ने हमें गुमराह किया और हमें 100% सब्सिडी नहीं दी। इसलिए हमारे द्वारा कार्य समिति के माध्यम से यह आंदोलन शुरू किया गया है। सरकार की उदासीन नीति के कारण हमें यह धरना देना पड़ रहा है। इस उच्च शिक्षा विभाग ने 22 नवंबर, 2021 के दौरान सह निदेशक द्वारा 78 कॉलेजों का दौरा कर सरकार को रिपोर्ट भेजी थी, लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया। इस पर कोई निर्णय लें।
प्रोफेसर विगत 22 वर्षों से बिना वेतन के ज्ञान प्रदान करने का पुनीत कार्य कर रहे हैं। इस वजह से, हमारे वित्त को बर्बाद कर दिया गया है। काम नहीं होने के कारण परिवार पर संकट आ गया है। हमारे कई सहयोगी सेवानिवृत्ति के कगार पर हैं। बुजुर्ग मां-बाप, बच्चों की पढ़ाई, शादी-ब्याह से कैसे निपटें, सरकार को कुछ सूझ नहीं रहा है। अनुदान हमारा अधिकार है क्योंकि यह हमारी 78 कॉलेज नीति के कार्यान्वयन से पहले का है।
यद्यपि हम 100% सब्सिडी के पात्र हैं, सरकार ने हमें गुमराह किया है और हमें सब्सिडी से वंचित कर दिया है। लिहाजा सरकार ने 28 नवंबर 2 को इस पर संज्ञान लिया
कार्य समिति के माध्यम से वर्ष 2001 से पूर्व के 78 महाविद्यालयों को शत-प्रतिशत अनुदान की मांग की जा रही है। जब तक हमें अनुदान नहीं मिलेगा हम आजाद मैदान नहीं छोड़ेंगे।
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