नासिक(Nashik) जिले के सुरगना तालुका के सयालपाड़ा के किसानों को ‘मेहनत का फल मिलता है’ कहावत का एहसास हो गया होगा। क्योंकि यह पहला मौका है जब ये किसान खेतों की मेड़ पर लगाए गए 60 आम के पेड़ों से लाखों रुपये का उत्पादन कर 12 सौ किलो आम अमेरिका एक्सपोर्ट कर रहे हैं।
अभी आम का सीजन चल रहा है। बाजार में जगह-जगह आम दिखाई दे रहे हैं। तो आपके परिवार के लिए रिश्तेदार आम खरीदना चाह रहे हैं। इस आम का स्वाद भारत ही नहीं विदेशों में भी पसंद किया जाता है।
इसलिए कई किसानों के आम विदेश भी जाते हैं। नासिक जिले के सुरगना तालुका में एक किसान द्वारा खेत की मेड़ पर लगाए गए लगभग पचास से साठ आम के पेड़ों से उत्पादित बारह सौ किलो केसर आम को सीधे अमेरिका के मॉल में भेजा गया है।इससे इस किसान को 1 लाख 20 हजार रुपए की आमदनी हुई है। दस साल में पहली बार उनके केसर आम अमेरिका पहुंचे हैं।
सुरगना तालुका के सयालपाड़ा आदिवासी गांव के किसान गिरिधर छब्बू धूम ने यह अनूठा प्रयोग किया है। उनके घर के पास धूम का एक खेत है। केसर आम की खेती करीब दो हेक्टेयर में की गई है। इस बीच मौजूदा आम सीजन को देखते हुए इको किसान फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी ने कुछ दिन पहले इन आमों को विदेशी बाजारों में पहुंचाने की पहल की थी।
इस कंपनी के निदेशक विशाल जाधव के प्रयासों से मैंगो का पंजीकरण हुआ था। फिर आम को परीक्षण के लिए पुणे की एक प्रयोगशाला में भेजा गया। तब से कृषि विभाग और विशाल जाधव के संयुक्त प्रयासों से पहली बार आदिवासी किसानों का माल सीधे अमेरिका पहुंचा है।
Reported By :- Rajesh Soni