Secret meeting of Congress: महाराष्ट्र की राजनीति में अब क्या होगा इसका कोई भरोसा नहीं. पिछले दो सालों से महाराष्ट्र की राजनीति में लगातार नई और अप्रत्याशित घटनाएं देखने को मिल रही हैं. मिलिंद देवड़ा का कांग्रेस छोड़कर शिवसेना में शामिल होना भी उनमें से एक है. लेकिन इसके बाद सूत्रों ने जानकारी दी है कि अब कांग्रेस के सामने और भी बड़ी मुसीबत आने वाली है.
मुंबई कांग्रेस के सबसे महत्वपूर्ण नेताओं में से एक मिलिंद देवड़ा ने कल कांग्रेस पार्टी छोड़ दी और शिव सेना पार्टी में शामिल हो गए। मिलिंद देवड़ा के शिवसेना में प्रवेश ने कई लोगों की भौंहें चढ़ा दी हैं। मिलिंद देवड़ा के शिवसेना पार्टी में प्रवेश ने मुंबई में कांग्रेस को एक बड़े संकट में डाल दिया है। बीजेपी नेता गिरीश महाजन ने हाल ही में अगले 10 से 15 दिनों में महाराष्ट्र की राजनीति में बड़े भूकंप की भविष्यवाणी की थी. इसलिए मिलिंद देवड़ा का शिवसेना में आना इस भूचाल की शुरुआत तो नहीं है? ऐसी चर्चा अब राजनीतिक गलियारों में दबी जुबान से चल रही है. दिलचस्प बात यह है कि गिरीश महाजन ने एक बार फिर वही सियासी भूचाल वाला बयान दिया है. इसे लेकर जहां तरह-तरह की चर्चाएं चल रही हैं वहीं अब सूत्रों के हवाले से सबसे बड़ी खबर सामने आई है.(Secret meeting of Congress)
सूत्रों के मुताबिक, मिलिंद देवड़ा की शिवसेना में एंट्री के बाद कांग्रेस के कई विधायक और पदाधिकारी शिवसेना में जाने की राह पर हैं. विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने 10 जनवरी को शिवसेना विधायक अयोग्यता मामले पर फैसला सुनाया। जिसके बाद करीब 6 से 7 कांग्रेस विधायक शिवसेना में शामिल होने के लिए तैयार हैं. सूत्रों ने जानकारी दी है कि इस संबंध में गुप्त बैठकें भी हो चुकी हैं. सूत्रों ने संकेत दिया है कि आने वाले समय में शिवसेना में एक बड़ी पार्टी की एंट्री हो सकती है.
क्या लोकसभा चुनाव से पहले आएगा बड़ा भूकंप?
महाराष्ट्र की राजनीति में इस समय कई घटनाक्रम हो रहे हैं। आने वाले समय में लोकसभा चुनाव का बिगुल बज जाएगा। इस चुनाव की पृष्ठभूमि में महाराष्ट्र की राजनीति में पर्दे के पीछे कई घटनाक्रम हो रहे हैं. लोकसभा चुनाव के लिए हर पार्टी तैयारी कर रही है. सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के बीच सीट बंटवारे को लेकर चर्चा चल रही है.
विपक्ष की इंडिया अघाड़ी बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के खिलाफ रणनीति बना रही है. लेकिन अगर वाकई कांग्रेस के 6 से 7 विधायक शिवसेना में शामिल हो गए तो सत्ताधारी पार्टी की ताकत बढ़ सकती है. साथ ही कांग्रेस पार्टी को बड़ा नुकसान हो सकता है. क्या कांग्रेस अपनी पार्टी को एकजुट रखने में सफल हो पाती है? अब ये देखना अहम होगा.
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