बाढ़ पीड़ितों के लिए मदद का ऐलान किया गया था, लेकिन अब देखते हैं कि इसका पालन होता है या नहीं दावोस जाकर निवेश किया गया, लेकिन ज्यादातर निवेश हमारी अपनी महाराष्ट्र की कंपनियों के नाम पर हुआ।
इसलिए दावोस जाने का कोई कारण नहीं था, वे चाहते थे कि उन्हें यहां बुलाकर चर्चा की जाए
हमने प्रोजेक्ट्स की लिस्ट पढ़ी है, लेकिन हमें इतना दमदार जवाब नहीं मिला है
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