पुरे भारत में महिलाओं के लिए ना जाने कितने कानून बनाए गए है ,लेकिन उसके बावजूद मुंबई में रेप का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। आए दिन लगातार रेप के कई मामले सामने आते ही रहते है। तो अब सवाल यह है, आखिर क्यों कानूनों के बावजूद रेप के मामले कम होने के बजाय बढ़ते ही जा रहे है। १० से २० साल किन सजा के प्रावधान के बावजूद भी आखिर क्यों आरोपियों के मन में कोई खौफ नहीं है ? शक्ति एक्ट जो हमेशा ही चर्चाओं में रहता है आइए जानते है उस एक्ट में आखिर है क्या ?

शक्ति एक्‍ट में रेप के अपराधियों के लिए मृत्युदंड ,आजीवन कारावास और भारी जुरमाना का प्रावधान भी है। इस एक्ट के लागु होने के बाद अपराधियों को तत्काल मृत्युदंड की सजा तक दी जा सकती है। ३० दिनों तक प्रतिदिन सुनवाई होगी इस एक्ट में १५ दिन के अंदर आरोपी को सजा देने के निर्देश भी दिए गए है। बेहद गंभीर अपराध में आरोपी को तुरंत मौत की सजा देना का भी प्रावधान इस कानून में हैं। ४५ दिनों के अंदर पूरी तरह कारवाईकर मामले को बंद भी कर दिया जाएगा
वही इस एक्ट के तहत आरोपी को पीड़िता को १०० लाख रुपए जुर्माने के तौर पे चुकाने होंगे। वही एसिड अटैक जैसे गंभीर मामलो में १० साल से काम की सजा नहीं होगी और वही जो धारा आरोपी पर लगाई जाएँगी वो गैर जमानती होगी। वही अगर कोई सरकारी कर्मचारी इस मामले में सहयोग नहीं करेगा तो उसे तुरंत निलंबित कर दिया जाएगा।

आईपीसी की धारा 354 में सेक्शन ‘E’ को भी जोड़ा जाएगा,जिसके तहत सोशल मीडिया,मोबाइल फ़ोन या अन्य डिजिटल माध्यमों के द्वारा प्रताड़ना, अभद्र टिप्पणी और धमकी के मामलों में केस दर्ज किया जाएगा।

Reported by – Tripti Singh

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