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भूखमरी की कगार पर पहुंचे कलाकार, सड़क पर उतरकर किया आंदोलन

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महाराष्ट्र (Maharashtra) सरकार ने राज्य भर में कोरोना (Corona) संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए प्रतिबंधों में ढील दी जा रही है। लेकिन दूसरी ओर सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर अभी भी प्रतिबंध लगा हुआ है। आज राज्य भर के चित्रकारों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन किया। मुंबई (Mumbai) में दादा साहब फाल्के की प्रतिमा के सामने कलाकारों ने आज धरना दिया।

पिछले 16 महीनों से थिएटर और अन्य सभी आयोजनों के बंद होने से अब घर कैसे चलाया जाए? एक ही सवाल कलाकारों के सामने है। इन कलाकारों की
मदद से टेक्नीशियन भी अपना घर चलाते हैं, इसी वजह से आंदोलन में सभी ने हिस्सा लिया। जागर रंगकर्मी के इस कार्यक्रम को लोक कलाकारों ने सरकार के सामने पेश किया है। कलाकारों की मांग है कि सरकार हमारी मदद करे और जल्द से जल्द थिएटर शुरू करे।

समाज के हर वर्ग को प्रतिबंधों से छूट दी गई है। लेकिन सिनेमाघर और थिएटर अभी भी बंद हैं। कला क्षेत्र के कर्मचारियों को अभी भी प्रतिबन्धों से छूट नहीं मिली है। नतीजतन नाटक और सिनेमा के अभिनेताओं के साथ-साथ लोक कलाकार भी बड़ी परेशानी में हैं।

सभी कलाकारों ने आज प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर जिला कलेक्टर कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन किया। नाट्यगृह और सिनेमा गृह शुरू किया जाए, कलाकार बोर्ड की स्थापना, मानधन में वृद्धि, स्थायी पेंशन योजना शुरू करने की मांग को लेकर कई कलाकारों ने आज ठाणे जिला कलेक्टर कार्यालय के सामने धरना भी दिया।

राज्य भर में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लगाए गए प्रतिबंधों में ढील दी गई है। लेकिन दूसरी ओर, सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर अभी भी प्रतिबंध लगा हुआ है। नतीजतन, चित्रकारों ने सोमवार को नागपुर के कॉन्स्टिट्यूशन स्क्वायर पर एक नुक्कड़ नाटक का मंचन किया। मांग की गई कि सरकार से भीख नहीं चाहिए बल्कि केवल सांस्कृतिक कार्यक्रमों की अनुमति दे।

इस कार्यक्रम में कई कलाकारों ने सरकार का ध्यान आकर्षित करवाने के लिए भाग लिया। उनमें से किसी ने गीतों से, किसी ने नुक्कड़ नाटकों से, किसी ने वेशभूषा से ध्यान आकर्षित किया।

Report by : Rajesh Soni

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