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मध्य रेलवे को हुआ 87.77 करोडों रुपयों का फायदा

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मध्य रेलवे ने अप्रैल 2021 से फरवरी 2022 के बीच हेड ऑन जोनल प्रणाली(On Zonal Systeam) को अपनाकर डीजल खर्च पर 87.77 करोड़ रुपयों की बचत की है।

इलेक्ट्रॉनिक्स, नियंत्रण प्रणाली और बिजली सप्लाई प्रणाली के क्षेत्र में तकनीक उन्नयन और निरंतर प्रगति के साथ भारतीय रेल ने वर्तमान में मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों के लिए एंड और जनरेशन की जगह हेड ऑन जनरेशन प्रणाली का संचालन के रूप में संदर्भित डिब्बों को बिजली सप्लाई के लिए एक ऊर्जा कुशल बिजली सप्लाई प्रणाली अपनाने का फैसला लिया।

एचओजी प्रौधोगिकी में बिजली को 3-फेज इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव से चलाया जाता है। जो मेल ट्रेनों के डिब्बो में बिजली की सप्लाई यानी एयर कंडीशनर, लाइट बल्ब, पंखे और पैंट्री आदि की जरूरतों को पूरा करने के लिए सीधे पेंटोग्राफ के माध्यम से बिजली के कर्षण से बिजली खींचता है।

एलएचबी प्रकार के डिब्बे एचओजी प्रौधोगिकी को अपनाने के लिए सबसे अच्छे हैं। वर्तमान समय में मध्य रेलवे के पास 1665 एलएचबी कोच के साथ-साथ 75 एलएचबी रेक हैं। यह सभी रेक एलएचबी के अनुरूप है। जिससे मध्य रेलवे को अप्रैल 2021 से फरवरी 2022 तक चालू वर्ष के दौरान डीजल की खपत पर खर्च में 87.77 करोड़ रुपयों की बचत हुई है।

Reported By :- Rajesh Soni

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