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खाने के तेल की लगातार बढ़ती कीमतों ने मुंबईकरों का निकाला तेल

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महाराष्ट्र (Maharashtra) सरकार ने कोरोना (Corona) वायरस की दूसरी लहर को कंट्रोल (Control) करने के लिए राज्य भर में 1 जून तक सख्त लॉकडाउन (Lockdown) लगा रखा है। इस बीच लॉकडाउन के आगे बढ़ने का इशारा लगातार राज्य सरकार के मंत्री दे रहे हैं। लॉकडाउन के कारण लोगों के धंधे-नौकरी ठप पड़े हुए हैं। वहीं ऊपर से अब लोगों को महंगाई की मार भी झेलनी पड़ रही है। पहले से पेट्रोल-डीजल की कीमत में आग लगी हुई है। वहीं अब खाने के तेल के दाम भी आसमान छूने लगे है। महंगाई की चौतरफा मार झेल रहे मुंबईकरों से मेट्रो मुम्बई की टीम ने उनका दर्द जाना।

हमारे रिपोर्टर स्वाति और प्रीति ने लगातार महंगे होते खाने के तेल पर मुंबईकरों से उनकी परेशानियों के बारे में जाना। इस दौरान घर की रसोई का बजट देखने वाली महिलाओं से हमारी टीम ने बात की। उन्होंने कहा कि, ‘कोरोना काल में मेरे पति के पास नौकरी भी नहीं है। ऊपर से सबकुछ महंगा हो गया है, सरकार को सोचना चाहिए।

वहीं एक ऑटो रिक्शा वाले ने कहा कि, ‘खाने के तेल तो जरूरी होता है। उसका इस्तेमाल करना तो बंद नहीं किया जा सकता है। इसलिए सरकारों को सोचना चाहिए। आपको मालूम हो कि, खाने के तेल के भाव लगातार बढ़ रहे हैं। जहां सरसों का तेल 160 से बढ़कर 200 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच चुका है। वहीं रिफाइंड ऑयल 120 से बढ़कर 160 रुपए तक पहुंच चुका है। जिसके कारण अब तेल भी गरीबों की पहुंच से दूर होते जा रहा है। हम कह सकते है कि अब तेल भी गरीबों का तेल निकाल रहा है।

Report by : Rajesh Soni

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