कोरोना के मामले में भले ही महाराष्ट्र का मुम्बई रोजाना नए रिकार्ड बना रहा हो। लेकिन महाराष्ट्र का मराठवाड़ा एक मामले में दुनिया के चार देशों पर भारी है। कोरोना की पहली और दूसरी लहर ने मराठवाड़ा को आज अपने दम खड़ा कर दिया है।
कोरोना की पहली लहर में मराठवाड़ा के अस्पतालों में 80 मैट्रिक टन आक्सीजन की जरूरत पड़ी जिसे मराठवाड़ा ने बेहद आराम से पूरा कर लिया । लेकिन दूसरी लहर में थोड़ी बहुत दिक्कत आई ।
मराठवाड़ा में आक्सीजन संग्रहित करने की क्षणता 250 मैट्रिक टन थी और कोरोना की दूसरी लहर में 220 मैट्रिक टन आक्सीजन की जरूरत पड़ी । उसे भी थोड़ी बहुत दिक्कत के साथ मराठवाड़ा के अस्पतालों ने जैसे तैसे मैनेज कर लिया गया।
लेकिन तीसरी लहर के अंदेशे को देखते हुए मराठवाड़ा के अस्पतालों में आक्सीजन के संग्रहण का रिकार्ड देखकर आप हैरान रह जाएंगे। अभी मराठवाड़ा में आक्सीजन संग्रहण की क्षमता 250 मैट्रिक टन से बढ़कर 845 मैट्रिक टन तक पहुँच गई है।
जिसमे से कुछ प्रोजेक्ट अभी निर्माणाधीन है। सभी प्रोजेक्ट पूरे होने पर मराठवाड़ा के आक्सीजन संग्रहण की क्षमता बढ़कर 1296 मैट्रिक टन हो जायेगी । ये आंकड़ा दुनिया के चार देश नीदरलैंड, बेल्जियम, चिली और कजाकिस्तान से भी ज्यादा है।
जहां तक कोरोना के मामलों का सवाल है अभी नीदरलैंड में कोरोना के 32,484 , बेल्जियम में 4,694,चिली में 4,029 और कजाकिस्तान में कोरोना के 2,087 मामले हैं । राहत की बात है कि इन देशों की तुलना में मराठवाड़ा में अभी कोरोना के सिर्फ 700 मामले हैं।
Reported By – Hitendra Pawar
Also Read – बेटे ने बाप से लगवाई उठक बैठक