आपके घर का बजट और भी कम होने की संभावना है। खाद्य तेल के दाम सस्ते होने जा रहे हैं। विदेशों से आयातित खाद्य तेल की कीमतों में गिरावट के कारण खाद्य तेल बाजार में सरसों, सोयाबीन, मूंगफली और तिल के तेल के भाव में गिरावट दर्ज की गई है। बाजार के जानकारों के मुताबिक आयातित खाद्य तेल की कीमतों में भारी गिरावट आई है। इसका असर बाजार में दिख रहा है।
इस बीच खाद्य तेल के दाम में गिरावट से उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिली है, लेकिन तेल मिलों के सामने एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। चूंकि आयातित तेल की कीमत लगातार गिर रही है, इसलिए तेल मिल के सामने अस्तित्व की समस्या उत्पन्न हो गई है। सूत्रों के मुताबिक घरेलू खाद्य तेल की कीमतें फिलहाल आयातित तेल से ज्यादा हैं। अगर प्रति व्यक्ति प्रति दिन 50 ग्राम तेल की खपत भी हो जाए तो देश में महंगाई पर इसका असर देखा जा सकता है। खाद्य तेल की कीमत कई क्षेत्रों को प्रभावित करती है।
विदेशों से आयातित तेल की कीमतों में भारी गिरावट आई है। इसका असर भारतीय तेल बाजार पर दिख रहा है। घरेलू खाद्य तेल उत्पादन में भारी लागत लगती है। लिहाजा विदेशी तेल के दाम तेज हो गए हैं। अगर केंद्र सरकार जल्द हस्तक्षेप नहीं करती है तो आशंका जताई जा रही है कि देश के खाद्य तेल उद्योग और कृषि पर इसका बड़ा असर पड़ेगा। सस्ते आयातित तेल पर आयात कर लगाने की मांग की जा रही है। नहीं तो तिलहन और तेल उत्पादन पर बड़ा असर पड़ने की आशंका है।
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