Heavy Rain in Mumbai : मुंबई में शनिवार को कुछ ही घंटों की बारिश ने महानगर की प्रशासनिक तैयारियों की असलियत उजागर कर दी। मानसून के आगमन से पहले हुई तेज बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। अंधेरी, विले पार्ले, सायन, कुर्ला, माटुंगा और दादर जैसे प्रमुख इलाकों में जलजमाव की स्थिति देखने को मिली, लेकिन सबसे ज्यादा असर अंधेरी में देखने को मिला, जहां कई सड़कों और गलियों में घुटनों तक पानी भर गया।
स्थानीय नागरिकों ने सोशल मीडिया पर वीडियो और तस्वीरें साझा करते हुए बीएमसी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। अंधेरी सबवे, जो हर साल बारिश में जलजमाव का शिकार होता है, इस बार भी पूरी तरह पानी में डूबा हुआ नजर आया। इससे ट्रैफिक पूरी तरह ठप हो गया और लोगों को वैकल्पिक मार्गों से होकर सफर करना पड़ा। (Heavy Rain in Mumbai)
मुंबई में हर साल बीएमसी करोड़ों रुपये खर्च कर मानसून पूर्व सफाई अभियान और ड्रेनेज सिस्टम की मरम्मत का दावा करती है, लेकिन हकीकत यह है कि पहली ही बारिश में यह तैयारियां ध्वस्त हो जाती हैं। इस बार भी नालों की समय पर सफाई नहीं होने, ड्रेनेज सिस्टम की जर्जर हालत और उचित निगरानी के अभाव ने एक बार फिर बीएमसी की लापरवाही को उजागर कर दिया।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि उन्होंने कई बार संबंधित विभाग को जलनिकासी की समस्या से अवगत कराया, लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला गया। अंधेरी पूर्व के निवासी संजय पटेल कहते हैं, “हर साल यही हाल होता है। बीएमसी अधिकारी सिर्फ औपचारिक बैठकें करते हैं और असली काम कागजों में होता है।” (Heavy Rain in Mumbai)
मुंबई में जलजमाव की समस्या केवल यातायात को प्रभावित नहीं करती, बल्कि इससे नागरिकों की सेहत और सुरक्षा पर भी खतरा मंडराता है। जलभराव से संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है और खुले बिजली के तारों या ट्रांसफॉर्मर के संपर्क में आने से जान का भी जोखिम होता है। मौसम विभाग ने अगले चार दिनों तक मुंबई और महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। ऐसे में सवाल यह है कि जब केवल कुछ घंटों की बारिश में यह हाल है, तो आगामी भारी बारिश में शहर कैसे संभलेगा?
बीएमसी अधिकारियों ने दावा किया है कि सभी विभागों को अलर्ट पर रखा गया है और जलजमाव वाले इलाकों में पंपिंग सिस्टम सक्रिय कर दिया गया है। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयान करती है। जनता अब यही पूछ रही है कि आखिर कब तक सिर्फ कागजी तैयारियों से काम चलता रहेगा और कब मुंबई को इस जलजमाव की वार्षिक त्रासदी से राहत मिलेगी? मुंबई, जो देश की आर्थिक राजधानी कहलाती है, उसके लिए हर साल मानसून एक बड़ी चुनौती बनकर आता है। और जब तक प्रशासन अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से नहीं लेता, तब तक ये समस्याएं यूं ही दोहराई जाती रहेंगी। (Heavy Rain in Mumbai)
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