Highway jam News: नए साल के पहले दिन ही देश भर के कई हाईवे पर बड़े पैमाने पर जाम देखा जा रहा है, क्योंकि भारतीय न्याय संहिता, नई आपराधिक संहिता के हिस्से के रूप में पेश किए जाने वाले नए हिट-एंड-रन कानून (Hit and Run Rule) के विरोध में ट्रक चालकों ने सड़कों पर चक्का जाम कर दिया है। ट्रक ड्रिवेरकी मांग है की व्हीकल एक्ट में जो नई कानून आई है उसे वापस ले।
हाईवे (Highway Jam News) पर चक्का जाम का सबसे ज्यादा असर महाराष्ट (Maharashtra) में देखने को मल रहा है। नवी मुंबई में, ट्रक ड्राइवरों ने बेलापुर राजमार्ग को अवरोधित कर दिया, जिसके कारन भारी जाम लग गया। पुलिस के साथ विवाद के बाद कथित तौर पर लाठीचार्ज और पथराव की घटनाएं हुईं। इंदौर-पुणे राजमार्ग की तरह सायन-पनवेल राजमार्ग भी पूरी तरह से ठप है। सोशल मीडिया पर चल रही रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि कानपुर-झांसी हाईवे जाम हो गया है। (Mumbai Ahmedabad highway driver news today)
एक एक्स यूजर ने पोस्ट किया, ‘चक्का जाम’ के कारण एम्बुलेंस मरीज, आपात स्थिति में लोग फंस गए हैं। मध्य प्रदेश के धार में ट्रक चालकों ने सड़क पर अवरोध डालकर पीथमपुर हाईवे रोक दिया । ट्रक ड्राइवरों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक संगठन के सदस्यों ने भी भोपाल की सड़कों पर विरोध प्रदर्शन किया। छत्तीसगढ़ में भी विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है और बताया जा रहा है कि ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल तीन दिनों तक चलेगी। कुछ कैब ड्राइवर भी इस हड़ताल में शामिल हुए हैं।
ट्रक ड्राइवरों का विरोध (Truck Drivers Aandolan)नए हिट-एंड-रन कानून के खिलाफ है जो भारत के नए आपराधिक कोड के हिस्से के रूप में आता है। ट्रकर्स यूनियनों का कहना है कि वे नए कानून के “सख्त प्रावधान” को लेकर चिंतित हैं। नए हिट-एंड-रन कानून, के तहत अगर ड्राइवर किसी को घातक टक्कर मार कर अधिकारियों को इसकी सूचना दिए बिना दुर्घटना स्थल से भाग जाता है और घातक दुर्घटना में आरोपी साबित होता है तो 10 साल की जेल की सजा और लाखों रूपए के जुर्माने का प्धान है
वर्तमान कानून, भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 304ए के तहत, हिट-एंड-रन मामलों के लिए अधिकतम दो साल की जेल की सजा की अनुमति देता है। ट्रक चालक नए कानून का विरोध कर रहे हैं क्योंकि उनका दावा है कि “बड़े वाहनों को दोष देने का एक अन कहा नियम” है। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के बाल मक्षित सिंह का दावा है, ”भारी वाहनों पर स्वत: दोषारोपण के बजाय दुर्घटनाओं के कारणों की निष्पक्ष जांच न्याय के लिए महत्वपूर्ण है।” उन्होंने बताया, “कई हिट-एंड-रन मामलों में, ड्राइवर दुर्घटना की जिम्मेदारी से बचने के इरादे से नहीं भागता है। इसके बजाय, वे गुस्साई भीड़ और स्थानीय निवासियों द्वारा उत्पन्न संभावित खतरे से अपनी जान बचाने के लिए भागते हैं।”
मध्य प्रदेश में ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल में शामिल हुए कैब ड्राइवर ज्ञानसिंह यादव ने बताया कि ट्रक ड्राइवरों का जीवन कठिन है। उन्होंने कहा, “मेरे जैसे लोग, जो उप जीविका के लिए कैब चलाते हैं, वे अभी भी रात में घर पर हो सकते हैं। लेकिन ट्रक ड्राइवर अक्सर 15 दिनों या उससे अधिक समय तक अपने प्रियजनों से नहीं मिल पाते हैं। हम किसी भी सरकार या कानून के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन मुझे लगता है कि कुछ संशोधन किए जाने चाहिए, खासकर ड्राइवरों के खिलाफ दंडात्मक प्रावधानों के साथ। नए कानून में गलती करने वाले ड्राइवरों के लिए 10 साल की जेल की सजा का नियम है। मुझे लगता है कि इसे घटाकर 1-2 साल, कर दिया जाना चाहिए। ”
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