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मुंबई की झोपड़िया होंगी कचरा मुक्त, बीएमसी ने लिया बड़ा फैसला, 40 हजार कर्मचारी कर रहे काम

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BMC took a big decision: मुंबई का अधिकांश भाग मलिन बस्तियों से घिरा हुआ है और मलिन बस्तियाँ अस्वच्छ हैं। मलिन बस्तियों में छोटी नालियों की सफाई नहीं होती। इससे रोग बढ़ता है। लगभग 60 प्रतिशत लोग झुग्गियों में रहते हैं। लेकिन मलिन बस्तियों की साफ-सफाई की अनदेखी की जा रही है। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए नगर पालिका अब मलिन बस्तियों में साफ-सफाई पर ध्यान देने जा रही है। मुंबई नगर निगम प्रशासन ने झुग्गी-झोपड़ी हटाने के लिए एक अलग नीति लागू करने का निर्णय लिया है।

स्वतंत्र नीति के तहत प्रत्येक झुग्गी-झोपड़ी में एक स्वतंत्र ठेकेदार नियुक्त किया जाएगा और झुग्गी-झोपड़ियों, सीवरों, नालियों में कचरा डंप किए जाने पर संबंधित ठेकेदार को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। मुंबई नगर निगम ने टोटल क्लीन मुंबई मिशन के तहत अब झुग्गियों में कूड़ा निस्तारण का लक्ष्य रखा है। नगर निगम की प्रस्तावित नीति के मुताबिक, मलिन बस्तियों से कूड़ा एकत्र करने, उसकी छंटाई करने और कूड़े को डंपिंग ग्राउंड तक पहुंचाने की जिम्मेदारी ठेकेदारों को सौंपी जाएगी।(BMC took a big decision)

मलिन बस्तियों में गलियों और छोटी नालियों की सफाई के लिए एक स्वतंत्र ठेकेदार भी नियुक्त किया जाएगा। इन नालों की साल में कई बार सफाई करनी पड़ती है। नई नीति के तहत झुग्गी-झोपड़ियों के पास के छोटे-छोटे नालों की बरसात से पहले, बरसात के दौरान और बरसात के बाद साफ-सफाई बनाए रखने की जिम्मेदारी एक स्वतंत्र ठेकेदार को सौंपी जाएगी। यह भी तय किया जाएगा कि मलिन बस्तियों में शौचालयों की सफाई की जिम्मेदारी एक स्वतंत्र ठेकेदार की होगी।

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुंबई की स्वच्छता पर फोकस किया है। अब उन्होंने मलिन बस्तियों में साफ-सफाई को लेकर निर्देश दिए हैं। मुंबई में हर दिन 40,000 कर्मचारी सफाई का काम करते हैं। मलिन बस्तियों में प्रभावी सफाई व्यवस्था नहीं होने के कारण अब नगर पालिका मलिन बस्तियों की साफ-सफाई पर ध्यान देने जा रही है।

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