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राखी दाहिने हाथ पर क्यों बांधी जाती है? कई लोगों को इसके पीछे का कारण नहीं पता है

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रक्षा बंधन (रक्षा बंधन 2023) हर साल श्रावण पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस साल भाई-बहन के प्यार का त्योहार 30 अगस्त, बुधवार को मनाया जाएगा। रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाइयों को राखी(Rakhi)बांधती हैं। राखी भाइयों की दाहिनी कलाई पर बांधी जाती है, इसके पीछे आध्यात्मिक और वैज्ञानिक दोनों कारण हैं। इसके साथ ही शुभ अवसरों पर राखी बांधने का भी विशेष महत्व है। बहन को भाई की दाहिनी कलाई पर ही राखी बांधनी चाहिए। आइये जानते हैं इसके पीछे का कारण.

शरीर का दाहिना भाग सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने के लिए पवित्र और महत्वपूर्ण है। इसीलिए सभी धार्मिक कार्य दाहिने हाथ से किये जाते हैं। शरीर के दाहिनी ओर नियंत्रण शक्ति भी अधिक होती है। दाहिने हाथ को वर्तमान जीवन में कर्म का हाथ भी माना जाता है, इसलिए दाहिने हाथ से किया गया दान और धर्म भगवान द्वारा स्वीकार किए जाने वाला माना जाता है। मंदिर में पूजा के समय बांधा जाने वाला मौली धागा भी दाहिने हाथ पर ही बांधा जाता है। शास्त्र के अनुसार राखी भी दाहिनी कलाई पर ही बांधी जाती है।

क्या आपने कभी सोचा है कि राखी(Rakhi)कलाई पर ही क्यों बांधी जाती है? दरअसल, इसके पीछे आध्यात्मिक, वैज्ञानिक कारण हैं। आध्यात्मिक कारणों से ऐसा माना जाता है कि कलाई पर राखी बांधने से ब्रह्मा, विष्णु और महेश की कृपा मिलती है।

आयुर्वेद के अनुसार कलाई पर राखी बांधने से वात, पित्त, कफ संतुलित होता है, जिसका स्वास्थ्य पर अनुकूल प्रभाव पड़ता है। वहीं कलाई पर बांधा गया रक्षासूत्र गर्दन पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। चूंकि राखी सुरक्षा के बंधन का प्रतिनिधित्व करती है, इसलिए व्यक्ति अपने भीतर शक्ति का संचार महसूस करता है। इससे आत्मविश्वास बढ़ने से सकारात्मक सोच आती है।

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