रक्षाबंधन (Raksha Bandhan 2023) हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। श्रावण माह में मनाए जाने वाले इस त्योहार का भाई-बहन बेसब्री से इंतजार करते हैं। रक्षाबंधन का त्यौहार श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। हर साल श्रावण पूर्णिमा या रक्षाबंधन का त्योहार 10 से 15 अगस्त के बीच आता है, लेकिन इस साल श्रावण मास में एक अतिरिक्त महीना है। इस कारण श्रावण एक की बजाय दो माह का होगया। श्रावण 18 जुलाई से प्रारंभ होकर 15 सितंबर को समाप्त होगा। इस प्रकार रक्षाबंधन सामान्य से करीब 15 दिन देर से मनाया जाएगा। इतना ही नहीं रक्षाबंधन एक की बजाय दो दिन मनाया जाएगा. इतना ही नहीं रक्षाबंधन के दिन भद्रा भी आने वाली है। (Raksha Bandhan 2023 Muhurat)
रक्षाबंधन 2 दिन मनाया जा सकता है
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस वर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा 30 अगस्त को सुबह 10.58 बजे से 31 अगस्त को सुबह 7.58 बजे तक है। इस प्रकार, रक्षाबंधन मनाने का शुभ समय 30 अगस्त को सुबह 10.58 बजे से शुरू हो रहा है और 31 अगस्त को सुबह 7.58 बजे तक रहेगा। यानी दोनों दिन रक्षाबंधन मनाया जा सकता है. लेकिन भद्रा 30 अगस्त को सुबह 10.58 बजे शुरू होगी और 30 अगस्त को रात 9.15 बजे समाप्त होगी। इसलिए बहनें 30 अगस्त की रात 9:01 बजे से अगले दिन सुबह 7:05 बजे तक अपने भाइयों को राखी बांध सकती हैं।
इसीलिए भद्राकाल में राखी नहीं बांधी जाती
धर्म शास्त्रों में भद्राकाल को शुभ कार्यों के लिए अशुभ माना गया है। भद्रा काल में किए गए शुभ कार्य भी अशुभ फल देते हैं। विशेषकर भद्रा में राखी बांधना सख्त वर्जित है। दरअसल, भद्रा काल के दौरान रावण की बहन ने उसे राखी बांधी थी और उसी वर्ष भगवान राम ने लंकापति रावण का वध किया था। इतना ही नहीं, उन्होंने रावण की पूरी जाति का नाश कर दिया। इसलिए धार्मिक मान्यता है कि भद्रा में राखी बांधने से भाई की उम्र कम होती है।