बॉम्बे उच्च न्यायालय (Bombay High Court) ने गुरुवार को उद्धव सरकार से पूछा कि कोरोना (Corona) महामारी को सही तरीके से फैलने से रोकने के लिए क्या कम से कम 15 दिन के लिए “पिछले साल की तरह लॉकडाउन” (Lockdown) लगाने पर सोचने का समय आ गया है। मुख्य न्यायाधीश दिपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी की बेंच ने महाधिवक्ता आशुतोष कुम्भकोनी से पूछा कि, ‘क्या राज्य सरकार को विश्वास है कि आम लोगों की आवजाही पर उसके कड़े प्रतिबंध काम कर रहे हैं।
पीठ ने आगे पूछा कि, ‘क्या आपके विचार में कड़े प्रतिबंध काम कर रहे हैं? और आप यह मानते हैं कि कड़े प्रतिबंधों के दौरान बस वही लोग बाहर निकल रहे हैं, जिनका काम जरूरी है? अगर कम से कम लोग15 दिन के लिए पिछले साल की तरह घरों में बंद रहें तो, हम बेहतर रिजल्ट की उम्मीद कर सकते हैं। कृपया अपनी सरकार को राय दें।
कोर्ट ने आगे कहा कि, ‘हम कोई आदेश जारी नहीं कर रहे लेकिन क्या आपको लगता है कि सरकार को पिछले साल की तरह लॉकडाउन लगाने पर विचार करना चाहिए।
इसके अलावा कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को यह सुनिश्चित करने का भी आदेश दिया कि, ‘नगरपालिका के अधिकारी, नर्सिंग होम, अस्पताल और कोरोना देखभाल केंद्रों का तत्काल फायर ऑडिट करें। कोर्ट ने ठाणे अस्पताल की आग का जिक्र करते हुए कहा कि, ‘फिरसे चार लोगों की मौत हो गई’
Report by : Rajesh Soni
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