महाराष्ट्र (Maharashtra) में बुलदाना जिले के संग्रामपर तहसील गांव में एक वारदात सामने आई। इस वारदात में एक ८ साल के बच्चे से कोरेंटाइन सेंटर का टॉयलेट साफ करवाया। जिलाधिकारी एस राममूर्ति के संबंधित ग्रामसेवक को खारिज कर दिया है। यह कोरेंटाइन सेंटर एक प्राथमिक विद्द्याला में बनाया गया है जहां १५ मरीज भर्ती थे।
मंगलवार को महाराष्ट्र में बुढ़ाना जिले में बहुत शर्मनाक तथा दिल देहेलादेने वाला एक वीडियो सामने आया था। विद्यालय में कोरोटाइन सेंटर में एक चौकाने वाली घटना घटी। यहां के कोरेंटाइन सेंटर के टॉयलेट को ८ साल के बच्चे से साफ करवाले की वारदात सामने आई। यह वीडियो फिलहाल राज्य में चर्चा बना हुआ है। जहा एक तरफ सरकार बच्चो के सुरक्षा का दावा करती है वही दूसरी तरफ यही वीडियो बच्चो की सुरक्षा पर सवाल खड़ा कर दिया है।
महाराष्ट्र में सरकार ने गांव के इलाकों में विद्यालय को कोरोन्टाइन सेंटर में बदला है ताकि कोरोना मरीज को वहा रखा जा सके। यह बच्चे से टॉयलेट साफ करवा देने वाली वारदात ने बच्चो की सुरक्षा पर प्रश्न छोड़ दिया है। प्रश्न यह भी उठता है की अगर इस ८ साल के बच्चे को कोरोना हो जाये तो इसका जिम्मेदार कोन होगा? महाराष्ट्र के अन्य राज्यों के विद्यालय में भी यही हालत है? दुर्भाग्य की बात यह है की ग्रामपंचायत के कर्मचारी बच्चे से टॉयलेट साफ करवा रहते और दूसरी तरफ वो दावा करते है की यह बात गट विकास की अधिकारी को मालूम है।
यह वीडियो जब मीडिया के नजर में आई तो प्रशासन भी इससे चौकन्ना हो गया। जिलाधिकारी ने इस घटन की जांच के लिए समिति बनाई है। जिन्हे ३ दिन के अंदर रिपोर्ट तयार करके देनी है। साथ ही इस वारदात में जो भी दोषी है उस पर सक्त करवाई करने का आदेश दिया है।
Report by : Aarti Verma
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