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नागपुर में बेड और दवाइयों की कमी को लेकर डॉक्टरों ने किया जिला प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन

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महाराष्ट्र की उप राजधानी नागपुर भी कोरोना (Corona) वायरस से बहुत ज्यादा ग्रस्त है। वहीं अब नागपुर के अस्पतालों में बेड और दवाओं की भी कमी होने लगी है। इसी वजह से आज नागपुर के मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के स्थानीय चिकित्सकों ने ऑक्सीजन बेड और रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी को लेकर जिला प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया है। हॉस्पिटल के बाहर विरोध कर रहें डॉक्टरों में से एक ने कहा कि, ‘जिला प्रशासन को मौजूदा स्थिति को राष्ट्रीय आपातकाल के रूप में लेना चाहिए। बता दें कि, देश के टॉप 10 कोरोना (Corona) ग्रस्त जिलों में से महाराष्ट्र का नागपुर भी शामिल है।

महाराष्ट्र में कोरोना (Corona) के बढ़ते मामलों के बीच प्रदेश में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी की भी खबर सामने आ रही है। इसके साथ-साथ राज्य में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी भी शुरू हो गई है। रविवार को महाराष्ट्र के एक अस्पताल के दो कर्मियों को रेमडेसिविर इंजेक्शन की प्रति शीशी 5,000 से 10,000 रुपए की मनचाही कीमत पर अवैध रूप से बेचने की कोशिश करने के आरोप में गिरफतार किया गया है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी है। इसके अलावा मुम्बई पुलिस ने भी दवाओं की कालाबाजरी करने वालों के खिलाफ राज्य के विभिन्न हिस्सों में भी कार्रवाई की है।

कोरोना महामारी के इलाज में इस्तेमाल की वजह से रेमडेसिविर इंजेक्शन की भी काफी मांग है। पुलिस के अनुसार , ये दोनों जिस अस्पताल में काम कर रहे थे। वहां से उन्हें दवाई की शीशियां हासिल हुई थी। इन दवाइयों को ये दोनों लोग अवैध रूप से मार्केट प्राइस से कई गुना ज्यादा कीमत पर बेचकर मोठा मुनाफा कमाने की कोशिश कर रहे थे।

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