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रेमड़ेसिवीर को लेकर सियासी घमासान शुरू, प्रियंका गांधी और भाजपा के बीच जुबानी जंग

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कोरोना वैक्सीन (Corona) के बाद अब महाराष्ट्र में इस जान लेवा वायरस के इलाज में उपयोगी रेमड़ेसिविर इंजेक्शन को लेकर राजनीतिक घमासान मचा हुआ है। महाविकास आघाडी सरकार और भाजपा नेताओं के बीच जोरदार जुबानी जंग शुरू है। अब इस लड़ाई में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की भी एंट्री हो चुकी है। प्रियंका ने रेमड़ेसिविर इंजेक्शन की कमी को लेकर एक फार्मा कंपनी के डायरेक्टर से जुड़े पूछताछ विवाद को लेकर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस पर बड़ा हमला बोला है।

प्रियंका गांधी वाड्रा ने पूर्व मुख्यमंत्री फड़णवीस का पुलिस स्टेशन में पहुंचने का वीडियो शेयर करते हुए ट्वीट में लिखा कि, ‘जब देश के कोने-कोने से लोग रेमडेसिविर उपलब्ध कराने की गुहार लगा रहे हैं और तमाम लोग जान बचाने के लिए किसी तरह एक शीशी रेमडेसिविर जुटाने की जद्दोजहद कर रहे हैं, उस समय जिम्मेदार पद पर रह चुके भाजपा नेता का रेमडेसिविर की जमाखोरी करने का कृत्य मानवता के खिलाफ अपराध है.’

प्रियंका के इस आरोप का जवाब भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने दिया है। अमित मालवीय ने प्रियंका पर पलटवार करते हुए लिखा कि, ‘महाराष्ट्र के खिचड़ी सरकार में आप की भूमिका ना दाल की, ना चावल की, ना नमक की।
और MVA में वसूली के अलावा कुछ नहीं होता, तो देवेंद्र फडणवीस जी को आगे आना ज़रूरी था। हाँ ये बात और है की वर्षों से आपको ‘हम’ का मतलब स्वयं लगता हो, हमारे लिए ‘हम’ याने हमारा राज्य, हमारा देश ही होता है!

बता दें कि, ‘कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज में इस्तेमाल की जानी वाली रेमड़ेसिविर इंजेक्श की हजारों डोज को देश से बाहर भेजने की तैयारी की सूचना मिलने पर मुम्बई पुलिस ने एक फार्मा कंपनी के डायरेक्टर से पूछताछ की थी। पुलिस ने रविवार को बताया था कि, ‘रेमडेसिविर के एक्सपोर्ट पर रोक है। लेकिन जानकारी मिली थी कि इसकी खेप मालवाहक विमान के जरिये किसी दूसरे देश को भेजे जाने वाली थी।

पुलिस ने शनिवार को ब्रूक फार्मा कंपनी के निदेशक राजेश डोकानिया से इन्क्वारी की थी। डोकानिया की कंपनी भी रेमडेसिविर का उत्पादन करती है। डोकानिया से पुलिस की पूछताछ की खबर मिलने के बाद देवेंद्र फड़णवीस के नेतृत्व में भाजपा नेताओं का एक डेलिगेशन पुलिस स्टेशन पहुंचा था। जिसके बाद फड़णवीस ने कहा था कि, महाराष्ट्र में रेमड़ेसिविर की कमी के चलते महाराष्ट्र भाजपा के नेताओं ने विभिन्न दवाई की कंपनियों से संपर्क साधा था।

Report by : Rajesh Soni

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