Abdul Sattar : महाराष्ट्र में सिल्लोड विधानसभा क्षेत्र के उम्मीदवार अब्दुल सत्तार की मुश्किलें बढ़ने की संभावना है। शिंदे गुट से जुड़े सत्तार के खिलाफ एक सामाजिक कार्यकर्ता महेश शंकरपेल्ली ने चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि सत्तार ने विधानसभा चुनाव के लिए अपनी उम्मीदवारी दाखिल करते समय अपनी संपत्ति की जानकारी छिपाई। इस शिकायत ने चुनावी प्रक्रिया को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं, और अब सत्तार की उम्मीदवारी पर संकट के बादल छा गए हैं।
चुनाव आयोग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत कार्रवाई की है। आयोग ने छत्रपति संभाजीनगर के कलेक्टर और सिल्लोड के चुनाव अधिकारी को 24 घंटे के भीतर ई-मेल के जरिए एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। इस रिपोर्ट में सत्तार द्वारा प्रस्तुत संपत्ति के ब्योरे की पुष्टि करने की आवश्यकता होगी, जिससे यह स्पष्ट होगा कि क्या उन्होंने जानबूझकर जानकारी छिपाई है या इसमें कोई त्रुटि थी। (Abdul Sattar)
इस मामले पर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। अब्दुल सत्तार, जो एक महत्वपूर्ण नेता हैं, उनकी छवि और राजनीतिक भविष्य पर इस शिकायत का गहरा असर पड़ सकता है। अगर आयोग उनकी उम्मीदवारी को रद्द करता है, तो यह शिंदे गुट के लिए एक बड़ा झटका होगा, खासकर जब चुनावी प्रक्रिया अंतिम चरण में है। विभिन्न राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मामला सिर्फ अब्दुल सत्तार के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे शिंदे गुट के लिए चुनौती बन सकता है।
अगर सत्तार की उम्मीदवारी समाप्त होती है, तो इससे गुट के भीतर असंतोष बढ़ सकता है, और यह अन्य नेताओं पर भी प्रभाव डाल सकता है। सामाजिक कार्यकर्ता महेश शंकरपेल्ली ने इस शिकायत के माध्यम से यह भी स्पष्ट किया है कि चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और ईमानदारी बनाए रखना आवश्यक है। उनके प्रयासों से यह संदेश जाता है कि नागरिक समाज चुनावी प्रक्रियाओं की निगरानी में सक्रिय भूमिका निभा सकता है। (Abdul Sattar)
आने वाले दिनों में, सभी की नजर प्रशासन द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट पर होगी। यह रिपोर्ट न केवल अब्दुल सत्तार की राजनीतिक किस्मत तय करेगी, बल्कि यह भी दिखाएगी कि चुनाव आयोग अपनी जिम्मेदारी निभाने में कितना सक्षम है। इस पूरे घटनाक्रम के बीच, यह स्पष्ट है कि महाराष्ट्र की राजनीति में यह मामला एक महत्वपूर्ण मोड़ ला सकता है।
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