रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण लगातार इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल (Crude Oil) के दाम बढ़ रहे हैं। जिसके कारण गुरुवार को कच्चे तेल के दाम 115 डॉलर प्रति बैरल को पार कर गए हैं। हालांकि भारत में अब तक पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बढ़े है। वहीं भारत में पिछले चार महीनों से पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी नहीं देखने को मिली है। जबकि कच्चे तेल के दामों में 70 प्रतिशत बढ़ोतरी हो गई है। नवंबर 2021 से फरवरी 2022 तक कच्चे तेल के दामों में प्रति बैरल 35 डॉलर की बढ़ोतरी हो चुकी है। वहीं कई जानीमानी कंपनियों ने अंदाज लगाया है कि आने वाले दिनों में कच्चे तेल के दाम 150 डॉलर प्रति बैरल को भी पार कर सकते हैं।
यह संभावना है कि पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के बाद सरकारी पेट्रोलियम कंपनियां पेट्रोल-डीजल के दामों में बहुत ज्यादा बढोतरी कर सकती है।
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा 10 मार्च को होने वाली है। देश में 10 मार्च के बाद पेट्रोल-डीजल के दामों में बढोतरी की संभावना। एक्सपर्ट्स का मानना है कि सरकारी पेट्रोल-डीजल के दाम एक साथ नहीं बढ़ाएगी। बल्कि धीरे-धीरे पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाए जाएंगे।
वहीं पेट्रोल-डिजल के दाम बढ़ने से रोजमर्रा की चीजों के भी दाम बढ़ सकते हैं। जिनमें फल सब्जी और राशन शामिल है। तो ऐसे में आम आदमी का बजट बढना तय है।
Reported By:- Rajesh Soni