महाराष्ट्र में दस दिन चले पॉलिटिकल ड्रामा के बाद सबको लग रहा था कि नई सरकार में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस(Devendra Fadnavis) होंगे। और शिंदे गुट इस सरकार को समर्थन देगा। लेकिन देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे की सयुंक्त पीसी ने सभी लोगों को चौंका दिया।
दरअसल, देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री के रूप में एकनाथ शिंदे के नाम की घोषणा की। और कहा कि वह कैबिनेट में भाग नहीं लेंगे। जिसके बाद एक राजनीतिक सनसनी फैल गई। तो इस फैसले के पीछे किसका हाथ है? देवेंद्र फडणवीस के पंख किसने काटे? ऐसी एक चर्चा सड़क से दिल्ली तक शुरू हो गई । सोशल मीडिया पर अभी भी इस विषय को लेकर चर्चा शुरू है।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्डा ने दिल्ली से फडणवीस से कैबिनेट में शामिल होने की अपील की। यह भी खबर आई थी कि मोदी ने दो बार फोन किया था। इसके बाद देवेंद्र फडणवीस से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीधे ट्वीट कर उपमुख्यमंत्री के रूप में कैबिनेट में शामिल होना को कहा था। और उन्हें कैबिनेट में शामिल होने के लिए मजबूर किया गया। उसके बाद एकनाथ शिंदे और फडणवीस ने शपथ ली।
इस सब में अमित शाह का हाथ है और यह उनकी वजह से है कि ठाकरे सरकार को हटाने के उनके अथक प्रयासों के बावजूद फडणवीस को उपमुख्यमंत्री पद से संतुष्ट होना पड़ा। भाजपा ने कल मुंबई कार्यालय में जीत का जश्न मनाया। लेकिन बैनरों पर से अमित शाह का फोटो गायब दिखाई दिया। बाद में नागपुर में भी अमित शाह पूर्व मेयर संदीप जोशी द्वारा लगाए गए पोस्टरों से गायब हो गए। अमित शाह के फोटो बैनरों से गायब होने के बाद से बीजेपी में नाराजगी की बात सामने आ गई।
Reported By :- Rajesh Soni
Also Read :- https://metromumbailive.com/mumbaikars-troubled-by-pollution-demand-to-remove-the-company/