महाविकास आघाडी सरकार के घटक दलों में अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) को लेकर जुबानी जंग जारी है। एक तरफ अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) पर शिवसेना हमलावर तो, एनसीपी गृहमंत्री का लगातार बचाव कर रही है। इसी बीच मुम्बई कांग्रेस के बड़े नेता संजय निरुपम ने भी वसूली कांड और वाझे की बहाली को लेकर संजय राउत को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने NIA से संजय राउत को उठाकर पूछताछ करने की बात तक कह डाली।
संजय निरुपम ने अपने ट्वीट में शिवसेना और संजय राउत पर निशाना साधते हुए लिखा कि, ‘संजय राऊत ने कहा है कि वे सचिन वज़े की पुलिस में दुबारा बहाली के खिलाफ थे।हालाँकि वे कल तक वज़े को ईमानदार और सक्षम बता रहे हैं। फिर भी वे कौन-से नेता थे जिनके कंधे पर चढ़कर वज़े आया,यह बताना पड़ेगा। NIA को राऊत जैसे बकबक करनेवालों को उठाकर वज़े के आकाओं तक पहुँचना चाहिए।
वहीं निरुपम से पहले एनसीपी के बड़े नेता और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार भी संजय राउत पर गृहमन्त्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) को सामना के माध्यम से खरी खोटी सुनाने को लेकर निशाना साध चुके हैं।
बता दें कि, दो दिन पहले अजित पवार ने बारामति में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा था कि, ‘महाविकास अघाड़ी तीन पार्टियों की सरकार है। जिसमें उद्धव ठाकरे शिवसेना की ओर से मंत्री पद को लेकर फैसला लेते हैं। इसी तरह कांग्रेस पार्टी की ओर से सोनिया गांधी निर्णय लेती हैं। और एनसीपी के कोटे से मंत्री पद को लेकर सारे फैसलें शरद पवार लेते हैं।
शरद पवार को प्रशासन और सरकार का बहुत ज्यादा एक्सपीरिएंस है। इसलिए वही निर्णय लेते हैं, कि किसे मंत्री और किसे राज्य मंत्री बनाया जाए? इसमें कोई नमक डालने का काम ना करे। इस बारे में सवाल उठाने का हक किसी को नहीं है’।
हालहि में सामना में संजय राउत ने अनिल देशमुख को ‘एक्सीडेंटल’ गृहमंत्री करार दिया था। उन्होंने कहा था कि, वलसे और जयंत पाटिल के द्वारा गृहमंत्री के पद को ना बोलने के बाद ये पद अनिल देशमुख को मिला था। गृहमंत्री अनिल देशमुख ने बेवजह बड़े अधिकारियों से पंगा लिया था।
Report by: Rajesh Soni
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