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एक पारी में 10 विकेट लेने वाले दूसरे भारतीय गेंदबाज बने अंशुल कंबोज

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Anshul Kamboj : हरियाणा के तेज गेंदबाज अंशुल कंबोज ने शुक्रवार को इतिहास रचते हुए रणजी ट्रॉफी के इतिहास में एक पारी में 10 विकेट लेने वाले दूसरे भारतीय गेंदबाज बनने का अद्वितीय कारनामा किया। कंबोज ने रोहतक में खेले गए रणजी ट्रॉफी के पांचवें दौर के मैच में केरल के खिलाफ यह शानदार प्रदर्शन किया। अंशुल कंबोज की शानदार गेंदबाजी ने हरियाणा को मुकाबले में पूरी तरह से हावी कर दिया, और उनके 10 विकेट के बदौलत टीम को एक ऐतिहासिक जीत दिलाने में मदद मिली।

कंबोज ने इस मैच में बेहतरीन लय में गेंदबाजी करते हुए 10 विकेट के आंकड़े के साथ मैच खत्म किया। उन्होंने 49 रन देकर केरल की पूरी टीम को ढेर कर दिया। यह उनकी शानदार तकनीक और मानसिक मजबूती का प्रमाण है, जो एक ही पारी में सभी 10 विकेट लेने के लिए जरूरी होती है। कंबोज के इस प्रदर्शन ने उन्हें रणजी ट्रॉफी के इतिहास में एक विशेष स्थान दिलाया, क्योंकि वह इस टूर्नामेंट में एक पारी में 10 विकेट लेने वाले तीसरे गेंदबाज बन गए हैं। (Anshul Kamboj )

अंशुल कंबोज से पहले, केवल दो अन्य गेंदबाजों ने रणजी ट्रॉफी में एक पारी में सभी 10 विकेट लेने का उपलब्धि हासिल की है। यह सूची बहुत ही विशिष्ट है, और कंबोज का नाम इस मुकाम पर जुड़ना भारतीय क्रिकेट इतिहास में एक ऐतिहासिक घटना है। इससे पहले, 2006-07 में मुंबई के शार्दुल ठाकुर और 2013-14 में राजस्थान के शाहरुख खान ने रणजी ट्रॉफी में एक पारी में 10 विकेट लेने का कीर्तिमान स्थापित किया था।

अंशुल कंबोज ने अपनी गेंदबाजी के दौरान न केवल अपनी सटीकता और तेज गति का इस्तेमाल किया, बल्कि उन्होंने केरल के बल्लेबाजों को पूरी तरह से अपनी रणनीति में फंसा लिया। उनकी शॉर्ट गेंदें, स्विंग और विविधता ने विपक्षी बल्लेबाजों को नतमस्तक कर दिया। कंबोज का यह प्रदर्शन उनके करियर के सबसे बड़े हाइलाइट्स में से एक साबित हुआ है और आने वाले समय में उन्हें भारतीय क्रिकेट में और अधिक सम्मान मिलने की संभावना है। (Anshul Kamboj )

इस ऐतिहासिक प्रदर्शन के बाद, अंशुल कंबोज को भारतीय क्रिकेट में एक प्रमुख तेज गेंदबाज के रूप में देखा जा सकता है। उनकी कड़ी मेहनत और कड़ी गेंदबाजी ने न केवल रणजी ट्रॉफी के मंच पर उन्हें पहचान दिलाई है, बल्कि राष्ट्रीय टीम में अपनी जगह बनाने का रास्ता भी खोल दिया है। कंबोज का यह रिकॉर्ड भारतीय क्रिकेट में एक प्रेरणा बन सकता है, और अन्य युवा गेंदबाजों के लिए यह उदाहरण प्रस्तुत करता है कि किसी भी क्रिकेट खिलाड़ी के लिए मेहनत और समर्पण से बड़ी कोई भी चीज़ नहीं हो सकती।

 

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