केंद्र सरकार ने ओबीसी की जातिवार जनगणना को सिरे से खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने ओबीसी के राजनीतिक आरक्षण पर रोक लगाते हुए ओबीसी के राजनीतिक प्रतिनिधित्व को समाप्त कर दिया है। वहीं मेडिकल प्रवेश के कोटा को भी स्थगित करने का भी फैसला किया है।
ओबीसी की शैक्षिक और सामाजिक मांगों, भर्ती में बैकलॉग, पदोन्नति में आरक्षण जैसे विभिन्न मुद्दों पर विचार करना के लिए 24 जुलाई को होटल सिटी प्राइड,नमस्कार चौक, नांदेड़ में समाज चिंतन मेला का आयोजन किया गया
ओबीसी स्थानीय निकायों में आरक्षण रद्द होने से राज्य के सभी जिला परिषदों, नगर पालिकाओं और नगर निगमों के 56 हजार जनप्रतिनिधि प्रभावित हुए हैं।सभी राजनीतिक दलों ने एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाकर आंदोलन शुरू कर दिया. सभी को एक साथ आने और आरक्षण बहाल करने की अगली दिशा के बारे में सोचने की जरूरत है। यहां पत्रकारों से बात करते हुए बालासाहेब सनप ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा ओबीसी आरक्षण को खारिज किए जाने के बाद एक तरफ बीजेपी राज्य में सड़कों पर उतर आई है। लेकिन अब ओबीसी समुदाय जाग चुका है।