इस बढ़ती कोरोना (Corona) महामारी के कारण पिछले 55 दिनों से मुंबई (Mumbai) बंद हो चुकी हैं और इन्हीं 55 दिनों में देश के साथ ही मुंबई की भी अर्थव्यवस्था जैसे की कहीं खो गई हैं। मुंबई की अर्थव्यवस्था के साथ ही यहाँ आम आदमी से लेकर व्यापारियों की आर्थिक स्थिति पूरी तरह से प्रभावित हुई हैं। अब अगर बात करें व्यापारियों की तो लॉकडाउन (Lockdown) के कारण इनका धंधा पूरी तरह से चौपट होने की कगार में आ चुका हैं हालाकिं कुछ बिज़नेस (Business) बंद हो चुके हैं तो कुछ बंद होने की अंतिम स्थिति में हैं।
व्यापारी अपना नुकसान को रोकने के लिए और व्यापार बंद होने से बचाने के लिए हर तरह की कोशिश कर रहीं हैं। व्यापारी राज्यपाल (Governor) से लेकर राज्य सरकार को पत्र लिखकर, संगठन बनाकर एड़ी चोंटी की जोर लगा रहे हैं ताकि राज्य सरकार उनकी व्यापार खुलने की बात को सुने और जल्द ही व्यापार खुलने की अनुमति दे किंतु राज्य सरकार है जो की सुनती ही नहीं हैं। हालांकि कुछ दिन पहले महाराष्ट्र सरकार ने दुकान खुलने की बात भी की थी परंतु अभी फिर से 15 दिनों का लॉकडाउन बढ़ा दिया गया हैं।
लॉकडाउन बढ़ने के कारण अब व्यापारियों को सरकार का नहीं सुनना और कुछ दुकानदार लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन कर उनकी दुकानें खोल रहे हैं। पुणे नगर निगम ने कुछ दुकानों पर छापा मारी तो उन्हें यह दृश्य देखने को मिला कि कुछ दुकानदार हैं जो कि शटर बंद कर दुकान चालू रखे हैं। वैसे तो दुकानदार का कहना हैं कि दुकान में धूल पड़ने के कारण वे दुकान की साफ सफाई कर रहे थे।
दुकानदारों को इस बात से दुख भी हुआ कि नगर निगम ने उनकी छोटी सी दुकानों पर छापा मारा। मुंबई में लगभग कुल 55 लाख व्यापारी है जो की खुद के दुकान के साथ हीं उनके कर्मचारी से लेकर आम जनता के भी पेट भर्ती हैं ऐसे में महाराष्ट्र को कम से कम व्यापारियों को थोड़ी सी राहत तो देनी चाहिए ताकि कोई भी परिवार तनाव में ना रहे और भूखा ना हों।
Report by : Sakshi Sharma
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