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CM Fadnavis : मिला विशेष सम्मान, महाराष्ट्र बना विदेशी निवेश का हब

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CM Fadnavis : मिला विशेष सम्मान, महाराष्ट्र बना विदेशी निवेश का हब

CM Fadnavis : महाराष्ट्र राज्य प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के लिए सबसे पसंदीदा गंतव्य बन गया है। बीते नौ महीनों में राज्य ने 1 लाख 39 हजार करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित किया है। मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने महाराष्ट्र को भारत की नई स्टार्टअप राजधानी घोषित किया है, क्योंकि राज्य स्टार्टअप्स की संख्या और निवेश के मामले में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है।

हाल ही में टीआईईकॉन मुंबई द्वारा आयोजित देश के अग्रणी उद्यमशीलता नेतृत्व शिखर सम्मेलन, टीआईईकॉन मुंबई 2025: “धंधा फर्स्ट” में मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस को इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति द्वारा “टीआईई मुंबई हॉल ऑफ फेम” पुरस्कार प्रदान किया गया। उन्हें यह सम्मान महाराष्ट्र में बुनियादी ढांचे के विकास, निवेश और जल संरक्षण के क्षेत्र में किए गए उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया गया। इस अवसर पर टीआईई मुंबई के संस्थापक अध्यक्ष हरीश मेहता, हवस मीडिया इंडिया के सीईओ उदय मोहन, टीआईई मुंबई की अध्यक्ष रानू वोहरा, डॉ. अपूर्व रंजन शर्मा सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने हरीश मेहता की पुस्तक ‘अतुलनीय’ का विमोचन भी किया। (CM Fadnavis)

मुख्यमंत्री ने यह पुरस्कार महाराष्ट्र के नागरिकों को समर्पित करते हुए कहा कि यह सम्मान 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शुरू की गई विकास योजनाओं की मान्यता है। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को प्राथमिकता दी गई है, विशेष रूप से मुंबई और एमएमआर क्षेत्र में कोस्टल रोड, अटल सेतु, मेट्रो, वधावन जैसी परियोजनाएं सुशासन का प्रतीक हैं। वधावन में बनाया जा रहा नया बंदरगाह देश के प्रमुख जेएनपीटी बंदरगाह से तीन गुना बड़ा होगा। इस बंदरगाह के साथ एक हवाई अड्डा और बुलेट ट्रेन स्टेशन भी बनाया जाएगा, जिससे व्यापार और परिवहन को मजबूती मिलेगी।

जल संरक्षण के क्षेत्र में महाराष्ट्र सरकार ने छह विभागों के सहयोग से 14 जल संरक्षण योजनाएं क्रियान्वित की हैं। मुख्यमंत्री ने इन सभी योजनाओं को मिलाकर जलयुक्त शिवार अभियान के तहत 25,000 गांवों को सूखा मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा था। इस अभियान के माध्यम से 20,000 गांवों में जल संरक्षण की योजनाएं बनाई गईं, जलाशय बनाए गए और जन भागीदारी से 2019 तक इन्हें सूखा मुक्त किया गया। इस योजना के कारण मराठवाड़ा जैसे सूखाग्रस्त क्षेत्रों में भी भूजल स्तर में सुधार देखा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार जल संरक्षण और निवेश को बढ़ावा देकर राज्य के आर्थिक और सामाजिक विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है। (CM Fadnavis)

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