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कोरोना वैक्सीन को लेकर केंद्र और महाराष्ट्र सरकार के बीच विवाद बढ़ा, जोरदार जुबानी जंग जारी

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कोरोना Corona के खिलाफ टीकाकरण को लेकर राजनीति भी गरमा गई है। महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को राज्य में  Corona वैक्सीन की कमी का मुद्दा उठाया था। जिसके बाद महाविकास आघाडी और केंद्र सरकार के नेताओं की बीच जोरदार जुबानी जंग शुरू हो चुकी है। एक तरफ महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे केंद्र सरकार पर Corona वैक्सीन को लेकर भेदभाव करने का आरोप लगा रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने महाराष्ट्र सरकार पर अपनी नाकामी छिपाने के लिए Corona वैक्सीन पर राजनीति करने का आरोप लगाया है।

हालांकि इस केंद्र और महाराष्ट्र सरकार के बीच जारी जुबानी जंग में मोदी सरकार को एनसीपी प्रमुख शरद पवार का साथ मिला है। महाराष्ट्र में कोरोना वैक्सीन की कमी को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार के एक बयान ने उद्धव सरकार के दावों की पोल खोल दी। शरद पवार ने कहा कि केंद्र सरकार कोरोना से निपटने के लिए राज्य सरकार का लगातार सहयोग कर रहा है। कोरोना की चेन तोड़ने के लिए केंद्र और राज्य सरकार को मिलकर एक साथ काम करना होगा। तब ही इसपर जीत हासिल की जा सकती है।

बता दें कि, मंगलावर को राजेश टोपे ने राज्य में कोरोना की वैक्सीन की कमी का मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा था कि, ‘ ‘राज्य में कोरोना वैक्सीन का भंडार बहुत कम बचा है। महाराष्ट्र में कोरोना वैक्सीन का भंडार सिर्फ तीन दिनों का बचा हुआ है। पर्याप्त, वैक्सीन का भंडार ना होने की वजह से लोगों को टीकाकरण केंद्रों से बिना टीका लगाए ही वापस भेजना पड़ रहा है।

राजेश टोपे के इस बयान का जवाब सबसे पहले केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और बाद में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने दिया था।

जावड़ेकर ने महाराष्ट्र सरकार पर आरोप लगाते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि, ‘महाराष्ट्र में MVA सरकार की प्लानिंग के आभाव के कारण कोरोना वैक्सीन की पांच लाख डोज बर्बाद हो गईं।

वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने भी उद्धव सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि, ”देश के किसी भी राज्य में कोरोना वैक्सीन के भंडार की कमी नहीं है। मांग के अनुसार हर राज्य को वैक्सीन का स्टॉक पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार पर इस मुद्दे पर राजनीति करने का भी आरोप लगाया है।

वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन के आरोपों के बाद शिवसेना नेता मोदी सरकार पर हमलावर हो गए। शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि,
‘केंद्र द्वारा महाराष्ट्र सरकार को नीचा दिखाने और बदनाम करने के प्रयत्न किए जा रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन जी से ऐसी उम्मीद नहीं थी। महाराष्ट्र एक बड़ा राज्य है, इस वजह से इस पर बहुत ज्यादा दवाब है। एक दूसरे पर आरोप -प्रत्यारोप करने के बजाय दोनों सरकारों को मिलकर काम करना चाहिए।

संजय राउत के अलावा शिवसेना की एक और राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी डॉक्टर हर्षवर्धन को लेकर वैक्सीन की कमी को लेकर पत्र लिखा था। इस पत्र के जवाब में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री द्वारा कही गई बातों पर प्रियंका चतुर्वेदी ने कड़ा एतराज जताया है।

इसके अलावा आजा महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी राजेश टोपे पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि, देश में कोरोना वैक्सीन की सबसे ज्यादा डोज महाराष्ट्र को दी जा रही है। फिर भी वैक्सीन में कमी पड़ने के लिए सरकार की योजनाओं का आभाव है।

वहीं वैक्सीन को लेकर राज्य और केंद्र सरकार का झगड़ा कम होने के बदले और बढ़ता जा रहा है। आज फिर एक बार राजेश टोपे ने केंद्र सरकार पर कोरोना वैक्सीन को लेकर महाराष्ट्र के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया है।

अब देखने वाली बात यह होगी कि, ‘मोदी और उद्धव सरकार के बीच कोरोना वैक्सीन को लेकर छिड़ी जंग कहां जाकर थमती है? या आने वाले समय में यह विवाद और तूल पकड़ेगा।

Report By : Rajesh Soni

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