सचिन वाझे (Sachin Vaze) के लेटर बम से एक बार फिर महाराष्ट्र में सियासत गरमा गई है। वाझे (Sachin Vaze) ने अपने लेटर में अवैध वसूली रैकेट में शिवसेना के बड़े नेता और MVA सरकार में परिवहन मंत्री अनिल परब और एनसीपी के कद्दावर नेता एवं उपमुख्यमंत्री अजित पवार पर भी भ्रष्टाचार को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। अब वसूली कांड को लेकर कांग्रेस भी शिवसेना पर हमलावर नजर आ रही है। इसी वजह से मुम्बई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष संजय निरुपम ने नैतिकता के आधार पर अनिल परब से इस्तीफे की भी मांग की है।
संजय निरुपम ने अपने ट्वीट में शिवसेना पर निशाना साधते हुए लिखा कि, ‘निलंबित पुलिस अधिकारी वाज़े (Sachin Vaze) का सनसनीख़ेज़ इकबालिया बयान। एक और मंत्री पर वसूली का आदेश देने का आरोप।इस बार शिवसेना लपेटे में आई है। क्या पूर्व गृहमंत्री की तरह ये मंत्री भी जाएँगे ? नैतिकता का तक़ाज़ा तो यही है।
बता दें कि, कुछ दिन पहले भी निरुपम ने 100 करोड़ रुपयों के अवैध वसूली कांड को सत्ता प्रायोजित बताते हुए लिखा था कि, ‘शिवसेना कमिश्नर परमबीर सिंह की जयजयकार कर रही है। गृह मंत्री जो NCP के हैं,कल बोले कि कमिश्नर ने गलती की थी। ये विरोधाभासी बयान सरकार की इमेज और खराब करेगी।
वाजेकांड की जाँच से अबतक समझ में आया है कि यह सत्ता प्रायोजित हफ्ता वसूली कांड है। इसके तार शिवसेना से जुड़े हैं क्या ?
बता दें कि, मुम्बई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह ने सीएम उद्धव ठाकरे को मुम्बई में सत्ता प्रायोजित जारी अवैध वसूली कांड को लेकर चिट्टी लिखी थी। जिसमें परमबीर सिंह ने खुलासा किया था कि, ‘अनिल देशमुख मुम्बई में विवादित पुलिस सब इंस्पेक्टपर सचिन वाझे कि मदद से मुम्बई में अवैध वसूली का रैकेट चला रहे थे। अनिल देशमुख ने सचिन वाझे को मुम्बई के पब, पार्लर और बार से हर महीने 100 करोड़ रुपये वसूलने का टारगेट दिया था।
Report By : Rajesh Soni
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