Crime Branch : क्राइम ब्रांच ने मुंबई में अवैध कॉल सेंटरों के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई की है, जिसमें तीन प्रतिष्ठानों पर छापेमारी की गई और 3 अक्टूबर की रात को आठ महिलाओं सहित 36 लोगों को गिरफ्तार किया गया। यह कार्रवाई इस बात की पुष्टि करती है कि अवैध कॉल सेंटरों द्वारा लोगों को धोखा देने के मामले में पुलिस की सतर्कता बढ़ रही है। दर्ज की गई रिपोर्ट्स के अनुसार, आरे कॉलोनी से संचालित दो कॉल सेंटरों का संबंध कथित तौर पर अवैध रूप से प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री से था। इन कॉल सेंटरों ने न केवल भारतीय नागरिकों को, बल्कि अमेरिकी नागरिकों को भी निशाना बनाया। इन सेंटरों से जुड़े लोगों ने दवाओं की बिक्री के लिए फर्जी विज्ञापनों का सहारा लिया, जिससे वे लोगों को धोखे में डालते थे। ( Crime Branch )
तीसरे कॉल सेंटर का संचालन जोगेश्वरी में हो रहा था, जहां त्वरित ऋण उपलब्ध कराने का झूठा दावा किया गया। पुलिस ने बताया कि इस कॉल सेंटर ने ऋण देने के नाम पर लगभग 3,000 लोगों को धोखा दिया। इन कॉल सेंटरों द्वारा की गई धोखाधड़ी ने लोगों के वित्तीय जीवन पर गंभीर प्रभाव डाला है। पुलिस ने इस ऑपरेशन में गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों से पूछताछ शुरू कर दी है, ताकि इन कॉल सेंटरों के पीछे के नेटवर्क का पता लगाया जा सके। इस कार्रवाई ने यह भी साबित किया है कि पुलिस विभाग अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए सक्रिय है और ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई करने के लिए तत्पर है। ( Crime Branch )
गिरफ्तार किए गए लोगों को न्यायालय में पेश किया जाएगा, जहां उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। इस घटना ने एक बार फिर यह संदेश दिया है कि अवैध कॉल सेंटरों और धोखाधड़ी से जुड़े अपराधों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए और इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। इस कार्रवाई के बाद, पुलिस ने आम जनता को सतर्क रहने की सलाह दी है, खासकर जब भी उन्हें अनजान कॉल या संदेश प्राप्त होते हैं। अवैध कॉल सेंटरों की गतिविधियों से बचने के लिए लोगों को जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है ताकि वे धोखाधड़ी के शिकार न हों। यह घटना न केवल पुलिस के लिए, बल्कि समाज के लिए भी एक चेतावनी है कि हमें ऐसे मामलों के प्रति सजग रहना होगा।
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