भारी बारिश (Heavy Rain) से किसानों को राहत मिली है। जिसके बाद किसानों ने खेतों में बुवाई का काम शुरू कर दिया है। यवतमाल जिले में कपास के बाद सोयाबीन की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। पिछले साल की तरह इस साल भी किसानों की मिट्टी को ख़राब बीजों से नुकसान हो रहा है।
किसानों की साल भर की गणित खरीफ मौसम पर निर्भर करती है। किसान पिछले कुछ वर्षों से लगातार सूखे का सामना कर रहा हैं। फिर भी, किसान इस उम्मीद में खेतों में काम कर रहे हैं कि यह सीजन उनका साथ देगा। पिछले साल खराब बीज से किसानों को भारी नुकसान हुआ था।
खराब बीजों के कारण किसानों की आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो गई थी।
कृषि विभाग ने दावा किया कि इस खरीफ सीजन में खराब बीज नहीं बेचे जाएंगे। फिर भी इस बार कई जगह धड़ल्ले से खराब बीज और खाद्य की जमाखोरी की गई। लेकिन कृषि विभाग खराब बीज विक्रेताओं की कमर तोड़ने में सफल नहीं हुआ। बुवाई के समय किसानों को खराब सोयाबीन के बीज महंगे दामों पर बेचे जा रहे हैं। बीजों की कृत्रिम कमी पैदा कर इसे बढ़े हुए दामों पर बेचा जा रहा है।
Report by : Rajesh soni
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