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टाइगर ग्रुप का सदस्य बन फर्जी पुलिस वाला

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टाइगर ग्रुप (Tiger Group) बहुत ही कम समय में सोशल मीडिया पर लोकप्रिय हो गया है। लेकिन पिंपरी-चिंचवड़ पुलिस ने पाया है कि ग्रुप के अधिकारी इसका फायदा उठाकर फर्जी पुलिस बनकर अपराध कर रहे हैं। टाइगर ग्रुप के अधिकारियों के खिलाफ वाकाड पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है

वकाड के स्पंदन अस्पताल के मेडिकल स्टाफ को टाइगर ग्रुप की फर्जी पुलिस ने अगवा कर लिया। अपहारण की घटना सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हुई है। अपहारण किये गए व्यक्ति का नाम अशोक अग्रवाल है। अपहरण में वित्तीय हित शामिल थे। अपहृत का मेडिकल सर्टिफिकेट किसी अन्य व्यक्ति को चाहिए था। ताकत दिखाने के लिए इसका अपहारण किया गया था।

15 जून को टाइगर ग्रुप के सात सदस्य फर्जी पुलिसकर्मी बनकर अग्रवाल के मेडिकल सेंटर में घुस गए। अग्रवाल ने मेडिकल दस्तावेजों की जांच की।
साथ ही फर्जी पुलिस वाला ने पूछताछ के लिए डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया और बाद में डॉक्टरों को धमकाना शुरू कर दिया। डॉक्टरों ने वाकाड पुलिस को इसकी सूचना दी। ये सभी फर्जी पुलिसवाले थोड़ी देर बाद वापस मेडिकल के पास आए लेकिन तब तक असली पुलिस वाले वहां पहुंच चुके थे।

यहां फर्जी पुलिस वालों की साजिश को नाकाम कर दिया गया और पुलिस ने उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार आरोपी के नाम कमलेश राजकुमार बाफना,
प्रिंतेश बबनराव लांडगे, राहुल छगन लोंधे, सिद्धार्थ भारत गायकवाड़, प्रकाश मधुकर ससगने, संतोष बापू ओवल और आकाश विजय हरकरे। सिद्धार्थ भारत गायकवाड़ और संतोष बापू ओवल टाइगर ग्रुप के सदस्य हैं। आकाश विजय हरकरे महाराष्ट्र गृह सुरक्षा बल का कर्मचारी है। वहीं प्रिंतेश बबनराव लांडगे ग्राम सुरक्षा बल का सदस्य है।

Report by : Rajesh Soni

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