नवी मुंबई (navi Mumbai)- नवी मुंबई के बामनडोंगरी की 59 वर्षीय महिला ताराबाई म्हात्रे की सिर में चोट लगने से मौत हो गई थी, लेकिन इससे पहले अस्पताल में इलाज के दौरान डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि वह अनुत्तरदायी हैं और उनका दिमाग पूरी तरह से बंद हो गया है। जिसके बाद उसके परिवार ने उसके शरीर के अंगों को दान करने का फैसला किया।
अस्पताल के डॉक्टरों ने बिना समय बर्बाद किए अंग प्रत्यारोपण सर्जरी शुरू कर दी, उसके शरीर के लीवर और किडनी को एक ग्रीन कॉरिडोर में तैयार किया गया और उन्हें अस्पताल ले जाया गया। अन्य अस्पतालों को 10 अंग दान किए जा चुके हैं और उनके परिवार के इस अच्छे फैसले से लगभग छह से सात लोगों की जान बच जाएगी। साथ ही, हम इससे संतुष्ट हैं, और हम खुश हैं कि हमारे फैसले से कई लोगों की जान बचेगी.’ उनके द्वारा दान किए गए अंगों को जरूरत के हिसाब से सही मरीज को मुहैया कराया जाएगा और सरकार के नियमों के मुताबिक इस बारे में बहुत से लोगों को सबक लेने की जरूरत है। आज इस फैसले से कई लोगों को जीवनदान मिलेगा। ऐसा करते हैं कि उनकी जान बच जाए।
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