कहते हैं बच्चों में भगवान बसते हैं। लेकिन मुम्बई (Mumbai) के एक फुटपाथ पर इन बच्चों की जिंदगी जैसे भगवान भरोसे है । लॉकडाउन (Lockdown) के बाद छह लोगों का एक परिवार पिछले एक साल से मुम्बई (Mumbai) के फुटपाथ पर अपनी जिंदगी बशर कर रहा है। मुम्बई (Mumbai) से 400 किलोमीटर दूर सोलापुर से आये इस परिवार में बूढ़ी महिलाएं भी हैं और मासूस बच्चे भी। यह परिवार भगवान के नाम पर सांई रथ चलाकर अपनी गुजर बशर करता था। लेकिन लॉकडाउन में इनके सांई रथ के पहिये भी थम गए हैं ।अब कांदिवली का फुटपाथ इस लाचार परिवार का नया बसेरा बन चुका है।
परिवार के बड़े परेशान हैं जिंदगी की परेशानियों को लेकर । लेकिन बच्चे मस्त हैं नान खटाई का नान स्टॉप लुत्फ उठाने में। बड़े भाई का नान खटाई खाने के अंदाज को देखकर छोटा भाई हैरान है।लेकिन उसका ललचाई नजरों से नान खटाई खाते अपने बड़े भाई को देखना हमारे कैमरों से बच नहीं पाया। हां,कैमरे के पीछे से बच्चों के लिए ताजी और स्वादिष्ट नान खटाई भेजने वाले रामकुमार पाल को ये बच्चे भले ही ना जानते हों। लेकिन इसका स्वाद इन बच्चों को जरूर लुभा रहा है। मेट्रो मुम्बई के मिशन मिल्क के साथ बच्चों को भारतीय किसान मोर्चे के नेता रामकुमार पाल इन बच्चों को नान खटाई खिला रहे हैं ।
मेट्रो मुम्बई के एसोसिएट डाइरेक्टर निखिल मोरसावाला और राम कुमार पाल की शुरूआती पहल से मेट्रो मुम्बई का मिशन मिल्क आज बुलन्दी पर है । मेट्रो मुम्बई की गाड़ी देखकर बच्चों के चेहरे पर मुस्कान आना भले ही सामान्य बात हो । लेकिन बच्चों की खुशी के आगे हम नतमस्तक हुए बिना नहीं रह सकते ।
Report by : Nisha Sunil Thakur
Also read : ‘तौकते’ तूफान के खतरे के मद्देनजर BMC ने मुम्बई के कोविड केअर सेंटर से कोरोना मरीज़ों को किया ट्रांसफर