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Holi : मस्जिदों की सुरक्षा पर अबू आज़मी की शांति अपील।

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Holi : मस्जिदों की सुरक्षा पर अबू आज़मी की शांति अपील।

Holi : मुंबई, महाराष्ट्र में होली के त्यौहार से पहले मस्जिदों को तिरपाल से ढकने को लेकर समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आज़मी ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने कहा कि त्योहारों का राजनीतिकरण करने की कोई ज़रूरत नहीं है और सभी को मिल-जुलकर शांति और सद्भावना के साथ अपने-अपने त्यौहार मनाने चाहिए।

अबू आज़मी ने होली मनाने वालों से अपील की कि वे इसे पूरी उत्साह और खुशी के साथ मनाएं, लेकिन खासतौर पर मुस्लिम समुदाय के लोगों पर बिना उनकी सहमति के रंग न फेंके। उन्होंने कहा, “त्योहार खुशियों का होता है, लेकिन हमें एक-दूसरे की धार्मिक भावनाओं का भी सम्मान करना चाहिए।” (Holi )

उन्होंने मस्जिदों को तिरपाल से ढकने के फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि इससे अनावश्यक विवादों से बचा जा सकता है। “मस्जिदों को ढकना एक एहतियाती कदम है ताकि कोई भी गलती से या जानबूझकर रंग न फेंक सके, जिससे कोई बड़ा विवाद खड़ा हो,” उन्होंने कहा।

विधायक ने मुस्लिम समुदाय से भी शांति और संयम बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा, “अगर कोई आप पर रंग डाल भी देता है, तो झगड़ा करने की बजाय माफ कर देना बेहतर है। होली और रमज़ान दोनों ही भाईचारे और प्रेम का संदेश देते हैं। यह माफ करने का महीना है, गिले-शिकवे भूलने का महीना है।”

इसके साथ ही, उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि जुम्मे की नमाज़ मस्जिद में अदा करना इस्लाम में एक अहम धार्मिक कर्तव्य है, इसलिए मस्जिदों की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए। “अगर कोई अनहोनी की संभावना है, तो मजबूरी में घर पर नमाज़ पढ़ी जा सकती है, लेकिन कोशिश करें कि मस्जिद में ही जुम्मे की नमाज़ अदा करें,” उन्होंने कहा।

पुलिस प्रशासन ने भी मस्जिदों और अन्य संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा बढ़ा दी है, ताकि होली का त्यौहार शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो सके। कई इलाकों में पुलिस ने फ्लैग मार्च भी किया है, और स्थानीय लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।

अबू आज़मी के इस बयान को सोशल मीडिया पर भी सराहा जा रहा है। लोग इसे एक संतुलित और समझदारी भरा संदेश मान रहे हैं, जो समाज में सौहार्द और एकता को बढ़ावा देता है।

इस पूरे घटनाक्रम से एक अहम सीख यह मिलती है कि त्यौहारों का असली मकसद खुशियां बांटना और आपसी प्रेम बढ़ाना है। अगर हम एक-दूसरे की भावनाओं की कद्र करें और छोटी-छोटी गलतफहमियों को माफ कर दें, तो हमारा समाज और भी मजबूत और एकजुट बन सकता है। (Holi )

आखिर में, अबू आज़मी का यह संदेश सही मायनों में त्योहारों की आत्मा को दर्शाता है I जहां खुशी के रंग हों, लेकिन आपसी सम्मान और भाईचारे की खुशबू भी हर तरफ फैली हो।

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