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दो साल बाद खुले केदारनाथ मंदिर के कपाट, भक्तों में जबरदस्त उत्साह

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बाबा केदारनाथ(Kedarnath) के कपाट 6 महीने बाद खुले हैं। सुबह 6:25 बजे शुभ वैदिक मंत्रोच्चार के साथ मंदिर के कपाट खोले गए। तब मुख्य पुजारी बाबा की डोली लेकर मंदिर में दाखिल हुए। 10,000 भक्तों के साथ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मौजूद थे। मंदिर के प्रांगण को 10 क्विंटल फूलों से सजाया गया है।

इससे पहले गुरुवार को केदारनाथ में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी थी। 2020 में कोरोना महामारी फैलने के बाद से श्रद्धालुओं को इस स्थल पर जाने की अनुमति नहीं दी गई है। हर साल कपाट खोलकर बाबा की पूजा की जाती थी। लेकिन केदारनाथ मंदिर के खुलने से लोगों में उत्साह है।

गुरुवार सुबह हजारों श्रद्धालु गौरीकुंड से केदारनाथ धाम के लिए निकले। श्रद्धालुओं ने पैदल और घोड़े पर सवार होकर करीब 21 किमी की दूरी तय की। यात्रा सुबह छह बजे शुरू हुई और शाम चार बजे केदारनाथ धाम पर समाप्त हुई। भीड़भाड़ से घबराहट का माहौल है। उसके बाद हजारों श्रद्धालु गौरीकुंडा में रुके। हालांकि शुक्रवार सुबह सभी को केदारनाथ जाने की इजाजत दी गई।

ऐसा माना जाता है कि बाबा केदारनाथ दुनिया के कल्याण के लिए 6 महीने तक समाधि में रहते हैं। मंदिर के कपाट बंद करने के अंतिम दिन डेढ़ क्विंटल विभूति बाबा का भोग लगाया जाता है। कपाट खुलते ही बाबा केदार समाधि से जाग जाते हैं। इसके बाद वह भक्तों को दर्शन देते हैं।

बाबा केदारनाथ मंदिर न केवल भारतीयों के लिए आस्था और भक्ति का केंद्र है बल्कि उत्तर और दक्षिण भारत की धार्मिक संस्कृतियों का संगम भी है। उत्तर भारत में पूजा का तरीका अलग है। लेकिन बाबा केदारनाथ की पूजा दक्षिणी वीर शैव लिंगायत पद्धति से की जाती है। मंदिर का सिंहासन रावल के कब्जे में है, जिन्हें प्रमुख भी कहा जाता है। रावल के शिष्य मंदिर में पूजा करते हैं। रावल एक पुजारी हैं, और वह कर्नाटक से हैं।

Reported By :- Rajesh Soni

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