महाराष्ट्र में पिछले छह महीने में 23 बाघों की मौत हो चुकी है। जनवरी 2021 से जुलाई 2021 के बीच राज्य में 23 बाघों की मौत हुई। प्राप्त जानकारी के अनुसार 23 में से 15 बाघों की मौत प्राकृतिक कारणों से, चार की जहर से, दो की शिकार से, एक की ट्रेन दुर्घटना से और एक की मौत बिजली के झटके से हुई है।
इन 23 बाघों में से 15 वयस्क बाघ थे। वहीं आठ उनके शावक थे। इस बीच जनवरी से सितंबर के बीच बाघों के इंसानों पर हमला करने की कई घटनाएं सामने आईं। इस दौरान बाघों के हमले में अब तक 39 लोगों की जान जा चुकी है।
बाघों से लोगों की मौत के सवाल का मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने लिखित जवाब दिया है। उन्होंने अपने जवाब में लिखा कि, “1 जनवरी से 30 सितंबर के बीच, राज्य में मानव-पशु संघर्ष के कारण 65 लोगों की मौत हुई। इन 65 मौतों में से 39 मौतें अकेले बाघ के हमलों के कारण हुईं। इस बीच, 1 जनवरी से 30 सितंबर, 2020 के बीच बाघों के हमलों में 31 लोग मारे गए।
वन्य प्राणी के हमलों में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को 15 लाख रुपयों की आर्थिक मदद दी जा रही है।
आपको मालूम हो कि, भारत का राष्ट्रीय पशु होने के बावजूद 2010 में भारत में बाघ विलुप्त होने के कगार पर थे। भारत में सबसे बड़ी बाघ परियोजना नागार्जुन सागर श्रीशैलम है। तो, देश की सबसे छोटी बाघ परियोजना महाराष्ट्र के पेंच में है। हर साल 29 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के रूप में दुनिया भर में मनाया जाता है।
Reported By – Rajesh Soni
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