महाराष्ट्र के नासिक(Nashik) से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जहां लॉकडाउन(Lockdown) में कलर प्रिंटिंग का धंधा बंद होने के कारण नकली नोट छापने का धंधा शुरू कर दिया गया। नासिक पुलिस ने इस मामले में प्रिंटिंग प्रेस को ध्वस्त कर कुल सात लोगों को गिरफ्तार किया है।
नासिक के सुरगना तालुका से यह चौंकाने वाला मामला सामने आया है। पुलिस को यह भी पता चला है कि इस प्रिंटिंग प्रेस का नेटवर्क लासलगांव के पास विंचूर तक फैला हुआ है। गिरफ्तार आरोपी अब तक इस प्रिंटिंग प्रेस के जरिए लाखों रुपयों के नकली नोट छाप चुके हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक नासिक में कुछ युवाओं की नौकरी कोरोना और लॉकडाउन की वजह से चली गई। कलर प्रिंटिंग का धंधा भी ठप हो गया। हाथ में काम न होने के कारण इन युवकों ने नोट छापना शुरू कर दिया। आरोपी इस प्रिंटिंग प्रेस में तरह-तरह के नकली नोट छाप रहे थे। ये युवक पिछले तीन महीने से नकली नोट छाप रहे हैं।
खास बात यह है कि नोटों की छपाई के साथ-साथ उनकी मार्केटिंग भी बेहद सुनियोजित तरीके से की जाती थी। पिछले तीन महीने से दैनिक लेन-देन में नकली नोटों का इस्तेमाल किया जा रहा है। हालांकि, इस प्रकार के सामने आने में देर नहीं लगी। क्योंकि आसपास के व्यापारी समझ गए कि नकली नोटों की संख्या बढ़ गई है। और आरोपियों की गतिविधियों का पर्दाफाश हो गया है।
यह जानकारी नासिक के एक व्यापारी ने पुलिस को दी। पुलिस ने इस पर गंभीरता से संज्ञान लेते हुए जाली नोटों की छपाई का पर्दाफाश किया। सुरगना तालुका का यह चौंकाने वाला मामला है। हालांकि कहा जाता है कि जाल लासलगांव के पास विंचूर तक फैल हुआ है। यह बात पुलिस ने जाहिर की है।
इस बीच, नासिक पुलिस ने इस ऑपरेशन में कुल सात लोगों को गिरफ्तार किया है। कलर प्रिंटर का धंधा बंद होने के कारण गिरफ्तार किए गए लोगों ने नकली नोट छापने की जुर्रत की। इस घटना से आपराधिक क्षेत्र में कोहराम मच गया है। इसके अलावा, क्या इसमें कोई राजनीतिक हस्तक्षेप है? इसकी भी पुलिस जांच कर रही है। इससे राजनीतिक क्षेत्र में भी हलचल मच गई है।