महाराष्ट्र ने पेट्रोल(Petrol) और डीजल(Diseal) को जीएसटी के दायरे में लाने का विरोध किया है। महाराष्ट्र के वित्त मंत्री अजीत पवार ने जीएसटी सम्मेलन में विरोध की भूमिका अपनाई। जीएसटी के तहत वित्तीय संसाधनों के साधन सीमित हैं। जीएसटी के तहत वित्तीय संसाधनों के साधन सीमित हैं।
पेट्रोल, डीजल और अन्य पेट्रोलियम उत्पादों का राज्य के खजाने में बड़ा हिस्सा है। जीएसटी सम्मेलन में महाराष्ट्र ने अहम भूमिका निभाई है। पेट्रोल को जीएसटी के दायरे में लाने से राज्यों का विकास प्रभावित हो सकता है। पेट्रोल और डीजल के आने से राज्य के राजस्व में कमी आ सकती है।
महाराष्ट्र की ओर से कहा गया कि यह राज्य की आर्थिक स्थिति को प्रभावित कर सकता है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में 45वीं GST परिषद की बैठक लखनऊ में हुई। इस बैठक में भी पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने का फैसला नहीं हो पाया।
Reported by – Rajesh Soni
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