Raj Thackeray : महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख राज ठाकरे की सभा में महायुति के झंडे और कार्यकर्ताओं की उपस्थिति ने राज्य की राजनीतिक धारा में एक नया मोड़ लाया है। यह सभा मुंबई के लालबाग इलाके में आयोजित की गई, जिसमें महायुति के विभिन्न घटक दलों की भागीदारी देखने को मिली। खास बात यह रही कि इस सभा में मंच पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (RPI) आठवले गुट के झंडे भी नजर आए।
महायुति, जो कि महाराष्ट्र में बीजेपी, शिवसेना (शिंदे गुट), और अन्य सहयोगी दलों का गठबंधन है, ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के उम्मीदवार बाला नंदगांवकर का समर्थन किया है। नंदगांवकर शिवडी विधानसभा क्षेत्र से चुनावी मैदान में हैं, और उनकी उम्मीदवारी को महायुति ने रणनीतिक रूप से समर्थन दिया है। राज ठाकरे की यह रैली इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह दर्शाती है कि MNS और महायुति के बीच कुछ हद तक सहयोग की संभावना बन सकती है, खासकर आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर। (Raj Thackeray)
रैली में मौजूद महायुति के झंडे यह संकेत देते हैं कि राज ठाकरे की पार्टी और महायुति के बीच राजनीतिक रिश्तों में नजदीकी आ सकती है। हालांकि, यह सहयोग पारंपरिक शिवसेना-BJP गठबंधन के बजाय एक अलग समीकरण के रूप में उभर सकता है। राज ठाकरे ने अपनी सभा में केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए।
रैली में मंच पर बीजेपी और आरपीआई के झंडों की मौजूदगी यह स्पष्ट करती है कि महायुति ने अपनी राजनीतिक छवि को मजबूती देने के लिए राज ठाकरे और उनकी पार्टी से भी समर्थन लेने की रणनीति बनाई है। ऐसा भी माना जा रहा है कि राज ठाकरे ने महायुति के साथ मिलकर अपनी पार्टी के कद को राज्य में बढ़ाने की योजना बनाई है, खासकर शिवसेना के शिंदे गुट के साथ संभावित सहयोग को देखते हुए।लेकिन साथ ही उन्होंने महायुति के नेताओं को भी समर्थन दिया,। (Raj Thackeray)
राज ठाकरे की रैली में महायुति के झंडे दिखाकर यह स्पष्ट किया गया कि ठाकरे और महायुति दोनों ही अब चुनावी गठबंधन की ओर अग्रसर हो सकते हैं, ताकि वे 2024 के विधानसभा चुनावों में मजबूत प्रतिस्पर्धा पेश कर सकें। जिससे यह संदेश दिया गया कि वह अपने राजनीतिक लक्ष्यों को हासिल करने के लिए किसी भी सहयोग को तैयार हैं ।
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