Mumbai High Court : मुंबई हाईकोर्ट ने मशिदों पर लाउडस्पीकर के उपयोग से जुड़े मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि यदि लाउडस्पीकर से ध्वनि प्रदूषण और डेसिबल सीमा का उल्लंघन होता है, तो पुलिस को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। न्यायालय ने पुलिस को निर्देश दिए हैं कि वे उल्लंघन करने वाले लाउडस्पीकर को हटा दें और जब्त करें। इसके अलावा, कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि जब पहली बार ध्वनि प्रदूषण की शिकायत की जाए, तो पुलिस को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए और उल्लंघन करने वाले को नियमों का पालन करने के लिए सूचना देनी चाहिए। (Mumbai High Court)
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि परवानगी योग्य डेसिबल स्तर का लगातार उल्लंघन हो रहा है और कानूनी निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है। इसके बाद, मुंबई हाईकोर्ट ने ध्वनि प्रदूषण से संबंधित शिकायतों के निवारण के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि दूसरी शिकायत आती है तो पुलिस को महाराष्ट्र पुलिस कानून की धारा 136 के तहत कार्रवाई करनी चाहिए, जिसमें ध्वनि प्रदूषण से संबंधित दंड का प्रावधान है।
इस आदेश के तहत, अदालत ने पुलिस को उन लाउडस्पीकरों को हटाने और जब्त करने का निर्देश दिया है जो नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। इस कड़े कदम से न्यायालय ने यह उम्मीद जताई है कि भविष्य में इस तरह के अपराधों की पुनरावृत्ति पर रोक लगेगी। कोर्ट ने महेश विजय बेडेकर के खिलाफ महाराष्ट्र राज्य में दिए गए फैसले के कार्यान्वयन के लिए महाराष्ट्र सरकार को दिशा-निर्देश जारी करने के निर्देश भी दिए हैं। (Mumbai High Court)
यह निर्णय मुंबई में ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है और इससे कानून के पालन में भी मजबूती आएगी।
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