महाराष्ट्र रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (महारेरा) ने शुक्रवार को एक आदेश जारी कर ऐसी शर्तें रखीं जिनमें होमबॉयर्स के अधिकारों की रक्षा करना शामिल है।
डेवलपर्स अब अपनी रियल एस्टेट परियोजनाओं को खुद ही डीरजिस्टर कर सकते हैं।
महारेरा के सचिव डॉ वसंत प्रभु ने आदेश में उन उदाहरणों का हवाला दिया, जहां प्रमोटर्स जिन्होंने अपनी परियोजनाओं को पंजीकृत किया है, वे निर्माण शुरू करने और पूरा करने में असमर्थ हैं, या निर्माण शुरू कर दिया है, लेकिन निर्माण पूरा करने की स्थिति में नहीं हैं।
इसके कारण धन की कमी, आर्थिक रूप से अव्यवहार्य परियोजनाएं, मुकदमेबाजी, परस्पर विवाद, पारिवारिक विवाद, योजना में परिवर्तन या सरकारी अधिसूचनाएं हो सकती हैं। नियामक संस्था ने कहा है कि इन परियोजनाओं को प्राधिकरण के पास पंजीकृत रखना हितधारकों के लिए फायदेमंद नहीं है।
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