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Mumbai-Pune : मनसे का हंगामा, फडणवीस की चेतावनी

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Mumbai-Pune : मनसे का हंगामा, फडणवीस की चेतावनी

Mumbai-Pune : महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के कार्यकर्ताओं ने मराठी भाषा को लेकर जमकर हंगामा किया। पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर उतरकर गैर-मराठी लोगों से मराठी में बात करने की मांग की और ऐसा न करने पर उनके साथ दुर्व्यवहार किया। कुछ दुकानों में जाकर कर्मचारियों से मराठी बोलने के लिए दबाव डाला गया, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया।

MNS लंबे समय से महाराष्ट्र में मराठी भाषा के प्रचार और संरक्षण को लेकर मुखर रही है। पार्टी का आरोप है कि राज्य में रहने वाले कई गैर-मराठी लोग मराठी बोलने या सीखने की कोशिश नहीं करते, जिससे स्थानीय संस्कृति और भाषा प्रभावित होती है। इसी मुद्दे को लेकर मनसे कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया और गैर-मराठी लोगों को मराठी में बातचीत करने के लिए मजबूर किया। (Mumbai-Pune)

हंगामा बढ़ने के बाद कई जगहों पर झड़पें हुईं और कुछ स्थानों पर हिंसा भी देखने को मिली। पुलिस ने स्थिति को काबू में करने के लिए कई मनसे कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया और उनके खिलाफ केस दर्ज किया। पुणे में कुछ गैर-मराठी समुदाय के लोगों ने शिकायत दर्ज कराई कि मनसे कार्यकर्ताओं ने जबरदस्ती उनसे मराठी में बात करने को कहा और विरोध करने पर उनके साथ मारपीट की गई।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि महाराष्ट्र में कानून-व्यवस्था बनाए रखना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा, “मराठी भाषा और संस्कृति का सम्मान जरूरी है, लेकिन इसे जबरदस्ती और हिंसा के जरिए लागू नहीं किया जा सकता। महाराष्ट्र सभी का है और यहां हर किसी को समान अधिकार प्राप्त हैं।”

मनसे के नेताओं का कहना है कि उनकी पार्टी केवल महाराष्ट्र में मराठी भाषा को बढ़ावा देना चाहती है और इसमें कुछ भी गलत नहीं है। पार्टी का मानना है कि राज्य में रहने वाले सभी लोगों को मराठी सीखनी चाहिए और इस भाषा का सम्मान करना चाहिए। मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने भी इस मुद्दे पर बयान देते हुए कहा कि महाराष्ट्र की भाषा मराठी है और यहां रहने वालों को इसे बोलना आना चाहिए। हालांकि, उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से शांति बनाए रखने और हिंसा से दूर रहने की अपील भी की।

प्रशासन ने इस पूरे मामले में सख्ती दिखाते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। पुलिस लगातार उन लोगों की पहचान कर रही है जिन्होंने हिंसा या जबरदस्ती की। वहीं, आम जनता इस मुद्दे पर बंटी हुई नजर आ रही है। कुछ लोग मनसे के रुख का समर्थन कर रहे हैं और कह रहे हैं कि महाराष्ट्र में मराठी भाषा का सम्मान किया जाना चाहिए, जबकि कुछ लोगों का मानना है कि इस तरह की जबरदस्ती और हिंसा उचित नहीं है। (Mumbai-Pune)

यह विवाद महाराष्ट्र में भाषा और संस्कृति से जुड़े एक पुराने मुद्दे को फिर से चर्चा में ले आया है। हालांकि, किसी भी प्रकार की जबरदस्ती, हिंसा और धमकी को उचित नहीं ठहराया जा सकता। सरकार और प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए कानून-व्यवस्था बनाए रखने की बात कही है। अब देखना यह होगा कि इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है और क्या सरकार और मनसे के बीच इस मुद्दे पर कोई बातचीत होती है या नहीं।

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