नवरात्रि पर्व की शुरुआत आज से हो गई है । इस पावन त्यौहार का इंतज़ार सभी को बेसब्री से रहता है ।जब कभी नवरात्र की बात आती है तब सभी इस त्यौहार के पहले अपने घरों की साफ सफाई का काम करते है और देवी माता की श्रद्धा से आराधना करते है ।इन सब के अलावा नवरात्र मनाने के पीछे की खास वजह कुछ ऐसी है ।

नवरात्र मनाने के पीछे की पौराणिक कथा कुछ ऐसी है , महिषासुर नाम का एक बहुत ही खतरनाक और बलवान राक्षस था ।महिषासुर हमेशा के लिए अमर होना चाहता था इसलिए उसने ब्रह्मदेव की कठोर तपस्या की । इस तपस्या से ब्रह्मा जी काफी खुश हुए और वे तुरंत महिषासुर के सामने प्रकट हुए और महिषसुर से कहा कि तु जो वरदान चाहता है वो मांग ,जिसके बाद महिषासुर ने तुरंत अपनी इच्छा ब्रह्मा के सामने रखी और अमर होने का वरदान मांगा ।

महिषासुर से इस वरदान को सुनकर ब्रह्मा जी तुरंत बोले कि ” जो इस संसार में पैदा हुआ है उसकी मौत निश्चित है ” ,तुम इसके सिवा कोई और वरदान चाहते हो तो वो मांगो ।ये सुनकर महिषासुर ने कहा की ठीक है प्रभु ,आप मुझे वरदान दीजिए कि मेरी मृत्यु न तो किसी देवता या असुर के हाथों हो न ही किसी मानव के हाथ , अगर हो तो किसी स्त्री के हाथो ।ब्रह्मा जी ने महिषासुर को ये वरदान दे दिया और तथास्तु कहकर वहाँ से चले गए ।इसके बाद महिषासुर देवताओ पर आक्रमण करने लगा ,वो राक्षसों का राजा बन गया और उसने देवलोक पर कब्ज़ा कर लिया ।हालांकि भगवान शिव और विष्णु ने देवताओं का साथ दिया लेकिन वरदान के कारण महिषासुर को कोई हरा नही पाया ,सभी देवताओं की महिषासुर और उसकी सेना से पराजय हुई ।

इसके बाद महिषासुर से अपने आप को बचाने के लिए सभी देवताओं ने भगवान विष्णु के साथ मिलकर आदि शक्ति की आराधना शुरू की ,क्योंकि ब्रह्मा जी से मिले वरदान के अनुसार उसका अंत केवल एक नारी के हाथ से ही हो सकता है । सभी देवताओं की आराधनाओं के बाद एक बेहद ही दिव्य रोशनी सभी देवताओ के शरीर से निकली और वो एक खूबसूरत अप्सरा बनकर सभी के सामने उपस्थित हुई ,इस खूबसूरत अप्सरा को देख महिषासुर अप्सरा पर मोहित हो गया और उसने तुरंत इस अप्सरा के सामने शादी का प्रस्ताव रखा ।ये अप्सरा और कोई नही बल्कि आदि शक्ति थी । आदि शक्ति ने महिषासुर के सामने भी एक शर्त रखी और कहा कि अगर तुम मुझसे लडाई में जीते तो मैं तुमसे शादी कर लुंगी । महिषसुर ने इस शर्त को मान लिया, इसके बाद दोनो के बीच लड़ाई शुरू हुई और ये लड़ाई नौ दिन तक चली और आखिर में 10 वे दिन आदि शक्ति ने महिषासुर का अंत कर दिया । जिसके बाद इन नौ दिनों नवरात्र का त्यौहार मानकर आदि शक्ति की आराधना की जाती है।

Reported by – Tripti Singh

Also Read – अजित पवार की कंपनियों पर आयकर की छापेमारी

Recent Posts

Advertisement

ब्रेकिंग न्यूज़

x