Nawab Malik : पूर्व मंत्री और एनसीपी के अजीत पवार समूह के नेता नवाब मलिक ने स्पष्ट रूप से यह घोषणा की है कि वह मानखुर्द शिवाजीनगर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे। उनके इस निर्णय से पार्टी के अंदर और बाहर दोनों ही स्तरों पर चर्चा शुरू हो गई है। हाल ही में, नवाब मलिक ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं अजित पवार और प्रफुल्ल पटेल से मुलाकात की, जहां उन्होंने अपनी स्थिति को स्पष्ट किया और चुनावी मैदान में उतरने की अपनी योजना को साझा किया।
हालांकि, नवाब मलिक की उम्मीदवारी को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। बीजेपी ने उन्हें चुनौती देने के लिए स्थानीय स्तर पर सक्रियता बढ़ा दी है, जिससे क्षेत्र में राजनीतिक माहौल गरम हो गया है। बीजेपी का मानना है कि नवाब मलिक की उम्मीदवारी से चुनावी समीकरण प्रभावित हो सकते हैं, और उन्होंने अपने प्रत्याशी को लेकर भी विचार-विमर्श शुरू कर दिया है। (Nawab Malik)
नवाब मलिक ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में विकास और स्थानीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने का वादा किया है। उन्होंने कहा कि वह जनता की समस्याओं को समझते हैं और उन्हें हल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उनके समर्थकों का कहना है कि मलिक का अनुभव और क्षेत्र के प्रति उनकी प्रतिबद्धता उन्हें एक मजबूत उम्मीदवार बनाती है।
इस स्थिति में, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि नवाब मलिक अपनी चुनावी रणनीति को कैसे लागू करते हैं और बीजेपी के विरोध का सामना कैसे करते हैं। मानखुर्द शिवाजीनगर सीट पर होने वाली राजनीतिक गतिविधियों से यह स्पष्ट होगा कि कौन-सी पार्टी इस क्षेत्र में अधिक प्रभावी होती है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि नवाब मलिक की उम्मीदवारी इस चुनाव में महत्वपूर्ण हो सकती है। यदि वह अपने समर्थकों के साथ एकजुट रहकर काम करते हैं और बीजेपी के चुनौती का सफलतापूर्वक सामना करते हैं, तो यह उनकी राजनीतिक स्थिति को मजबूत कर सकता है। (Nawab Malik)
आने वाले समय में, नवाब मलिक का चुनावी अभियान और बीजेपी के विरोध की रणनीति दोनों ही इस क्षेत्र के चुनाव परिणामों को प्रभावित कर सकते हैं, और सभी की नजरें इस पर रहेंगी।
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