महाराष्ट्र (Maharashtra) के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने 30 नवंबर (2021) तक प्रदेश में 100 परसेंट टीकाकरण पूरा करने का टारगेट जिला प्रशासन को दिया है। इस आदेश को हर एक जिला प्रशासन जल्द से जल्द पूरा करना चाहता है। इसी वजह से औरंगाबाद शहर के जिला अधिकारी सुनील चव्हाण ने वैक्सीनेशन का टारगेट पूरा करने के लिए सख्त कदम उठाया है। मंगलवार रात को कलेक्टर ने ‘नो वैक्सीन, नो राशन’ का आदेश लागू किया है।
इसके अलावा जिन सरकारी और प्राइवेट कर्मचारियों ने वैक्सीन नहीं लगवाई है। उन्हें दिसंबर महीने की सैलरी भी नहीं देने के आदेश दिए गए है। आपको मालूम हो कि औरंगाबाद शहर में कोरोना वैक्सीन का पहला डोज सिर्फ 55 परसेंट लोगों को ही लगा है। वहीं दूसरे डोज सिर्फ 22 प्रतिशत लोगों ने ही लिया है। वैक्सीनेशन के इन आंकड़ों को लेकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी नाराजगी जताई थी।
फिलहाल औरंगाबाद में 802 राशन की दुकाने हैं। जिले में राशनकार्ड धारकों की संख्या 5 लाख 50 हजार है। आम तौरपर एक राशन कार्ड पर 4 से 5 सदस्यों के नाम होते हैं। इस तरह 22 लाख लोग सरकारी राशन पर निर्भर करते हैं। ऐसे लोगों ने अगर कोरोना की वैक्सीन नहीं लगवाई हैं तो, उन्हें राशन ना देने के आदेश कलेक्टर ने दिया है।
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के 45 जिलों की जानकारी लेंगें। जिन जिलों में वैक्सीनेशन बेहद कम हुआ है। इनमें महाराष्ट्र के हिंगोली, लातूर, नंदूरबार, बुलढाणा और अकोला शामिल है।
Reported By – Rajesh Soni
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