Celebrated Marathi Language : 3 अक्टूबर को ‘मराठी शास्त्रीय भाषा दिवस’ के रूप में मनाने की घोषणा महाराष्ट्र सरकार द्वारा की गई है, जो मराठी भाषा के प्रति एक महत्वपूर्ण सम्मान और गौरव का प्रतीक है। केंद्र सरकार ने हाल ही में मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया है, जिससे इस भाषा के समृद्ध साहित्य और सांस्कृतिक धरोहर को और मान्यता मिली है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई में महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने इस उपलब्धि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्रिमंडल को बधाई दी। यह निर्णय न केवल मराठी भाषियों के लिए, बल्कि सम्पूर्ण महाराष्ट्र के लिए गर्व का विषय है। राज्य सरकार का यह कदम यह दर्शाता है कि वह अपनी भाषा और संस्कृति के प्रति कितनी गंभीर है। (Celebrated Marathi Language)
‘मराठी शास्त्रीय भाषा गौरव दिवस’ मनाने के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। स्कूलों, कॉलेजों, और सांस्कृतिक संस्थानों में विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें कविताएं, नाटक, और भाषण प्रतियोगिताएं शामिल होंगी। इस दिन के महत्व को समझाने के लिए लोगों को प्रेरित किया जाएगा ताकि वे अपनी मातृभाषा के प्रति गर्व महसूस करें। मराठी भाषा, जो अपने गहरे साहित्यिक और सांस्कृतिक मूल्यों के लिए जानी जाती है, ने कई महान लेखकों और कवियों को जन्म दिया है। संत तुकाराम, संत ज्ञानेश्वर और पं नेहरू जैसे महान व्यक्तियों ने मराठी में अपना योगदान दिया है। इस भाषा की समृद्धि और गहराई को देखते हुए, इसे शास्त्रीय भाषा का दर्जा मिलना एक स्वाभाविक प्रगति है। (Celebrated Marathi Language)
राज्य सरकार ने यह भी योजना बनाई है कि इस दिन को एक राष्ट्रीय स्तर पर भी मनाने के लिए पहल की जाए, ताकि अन्य राज्यों में भी मराठी भाषा की महत्वता और इसकी समृद्धि का प्रचार हो सके। इस अवसर पर महाराष्ट्र के सभी नागरिकों से अपील की गई है कि वे अपने दैनिक जीवन में मराठी भाषा को बढ़ावा दें और इसे अपनी पहचान का हिस्सा बनाएं। ‘मराठी शास्त्रीय भाषा गौरव दिवस’ निश्चित रूप से महाराष्ट्र की सांस्कृतिक धरोहर को और भी मजबूती प्रदान करेगा।
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