नाशिक (Nashik) के डिंडोरी तालुका के सोनजाम्ब के एक युवा किसान कैलाश जाधव ने बिना किसी रासायनिक उर्वरक के अपने खेत में अंगूर के बागों के साथ जैविक खेती शुरू की है। इसके लिए वे अपने घर के पिछवाड़े में तरह-तरह के पौधे लगाते हैं। और पेड़ की पत्तियों को मारकर, पत्तियों का उपयोग कृषि के लिए करते हैं। जिसके बाद अपने आप मिट्टी से बदबू भी आने लगती है। जिसके कारण उनके खेत में केंचुए खुद पैदा हो जाते हैं।
इसलिए हर किसान को कम लागत के लिये अपने खेत में गोबर, गोमूत्र, छाछ और औषधीय पौधों का इस्तेमाल करना चाहिए। ऐसा कैलाश जाधव देश के सभी किसानों को सुझाव दे रहे हैं।
Report by : Rajesh Soni
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